शिमला में 16 से 18 जून तक आयोजित होगा अन्तरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव

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भारत। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं साहित्य अकादमी द्वारा अन्तरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव का आयोजन 16-18 जून को शिमला में कला और संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश के सहयोग से किया जा रहा है।

गेयटी हेरिटेज संस्कृति परिसर, टाउन हाल व रिज क्षेत्र आदि स्थानों पर आयोजित हो रहे इस साहित्य उत्सव का उद्घाटन सत्र 16 जून को प्रातः 10 बजे से 12 बजे के बीच गेयटी थियेटर के मुख्य सभागार में होगा, जिसमें संस्कृति राज्य मंत्री भारत सरकार अर्जुन राम मेघवाल एवं मीनाक्षी लेखी और आंध्रप्रदेश के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन उपस्थित रहेंगे।

किसी भी देश का साहित्य वहाँ की संस्कृति का प्रतिनिधित्व प्रतिबिंबित करता है। ऐसे साहित्यिक महोत्सव के आयोजन से समस्त साहित्यिक रंगों का प्रतिनिधित्व परिलक्षित होता है।

इन साहित्यिक महोत्सवों में देश के कई प्रख्यात विद्वान एकत्रित होते हैं, जिससे उस क्षेत्र के कई युवा तथा उभरते लेखकों एवं साहित्य प्रेमियों को अविस्मरणीय अनुभव प्राप्त होते हैं। यही कारण है कि संस्कृति मंत्रालय तथा साहित्य अकादमी द्वारा इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में भारत सहित 15 देशों के 425 से अधिक लेखक, विद्वान, अनुवादक, फिल्मकार, पत्रकार एवं कलाकार भाग ले रहे हैं, जो 64 कार्यक्रमों में 60 भाषाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्मेष-अभिव्यक्ति का उत्सव शीर्षक से आयोजित हो रहा यह उत्सव देश का सबसे बड़ा साहित्यिक आयोजन है।

इस उत्सव में परिचर्चा, प्रस्तुति, कहानी एवं कविता-पाठ में विविध विषयों पर विचार विमर्श होगा। कुछ मुख्य विषयों के शीर्षक हैं-साहित्य और सिनेमा, विश्व की कालजयी कृतियाँ और भारतीय लेखन, आदिवासी लेखन, एलजीबीटीक्यू लेखकों का लेखन, मीडिया और साहित्य, भक्ति साहित्य और अनुवाद के माध्यम से सांस्कृतिक एकता आदि।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत प्रत्येक शाम को सोनल मानसिंह द्वारा भरतनाट्यम, पी. जयभास्कर द्वारा ताल वाद्य कचेरी का वादन, नाथूलाल सोलंकी द्वारा नगाड़ा वादन एवं महमूद फारुकी द्वारा दास्तानगोई दास्तान-ए-कर्ण की प्रस्तुति मुख्य आकर्षण होंगे।

इस अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में सोनल मानसिंह, गुलजार, एस एल भैरप्पा, चंद्रशेखर कंबार, किरण बेदी, लिंडा हेस, डेनियल नेगर्स, सुरजीत पातर, नमिता गोखले, कपिल कपूर, आरिफ मोहम्मद खान, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, रघुवीर चौधरी, सितांशु यश्शचन्द्र, विश्वास पाटिल, रंजीत होसकोटे, गीतांजलि श्री, सई परांजपे, दीप्ति नवल, मालाश्री लाल, सुदर्शन वशिष्ठ, प्रत्यूष गुलेरी, एस. आर. हरनोट, होशांग मर्चेंट, लीलाधर जगूड़ी, अरूण कमल, बलदेव भाई शर्मा, सतीश अलेकर एवं विष्णु दत्त राकेश सहित अनेक महत्वपूर्ण व्यक्ति शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि यह उत्सव सभी साहित्य प्रेमियों के लिए हर दिन निःशुल्क है। इस उत्सव में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित 1000 पुस्तकों को प्रदर्शित किया जाएगा और पांच भारतीय प्रकाशकों की पुस्तकें बिक्री के लिए भी उपलब्ध होंगी।

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