दान का समय 12 बजकर 3 मिनट के बाद शुभ
शिमला। कल होने वाले सूर्यग्रहण: कंकण आकृति समय का प्रारम्भ 10.23 प्रातः और 1.48 दिन मे समाप्ति होगी।
ग्रहण सूतक- 20 जून रात्रि 10 बजे से प्रारम्भ
विशेषकर मिथुन व धनुराशि को कष्टकारी रहेगा । वृष, कर्क, तुला वृश्चिक, कुंभ, मीन वाले भी गेहूँ, ताम्बा, गुड़, चावल, तिल, काली सरसों व सतनाजा का दान करें श्रेष्ठ होगा।
यह जानकारी पंडित अनिल आंगिरस ने दी।
सूर्य ग्रहण के समय जठराग्नि, नेत्र तथा पित्त की शक्ति कमज़ोर पड़ती है। गर्भवती स्त्री को सूर्य-चंद्र ग्रहण नहीं देखने चाहिए क्योंकि उसके दुष्प्रभाव से शिशु अंगहीन होकर विकलांग बन सकता है, गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है।
इसके लिए गर्भवती के उदर भाग में गोबर और तुलसी का लेप लगा दिया जाता है, जिससे कि राहु-केतु उसका स्पर्श न करें।
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला को कुछ भी कैंची या चाकू से काटने को मना किया जाता है और किसी वस्त्रादि को सिलने से रोका जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से शिशु के अंग या तो कट जाते हैं या फिर सिल (जुड़) जाते हैं।
इस बार ये ग्रहण रविवार के दिन है इसलिए इसे ‘चूड़ा मणि’ ग्रहण भी कहा जाता है इसलिए दान जप पाठ का अनंत गुणा फल मिलता है।