शिमला। प्रदेश में पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में ग्रामीण पेयजल व स्वच्छता समितियों का गठन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 47 प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी जिला स्तरीय प्रयोगशालाओं को नैशनल एक्रीडिशन बोर्ड फाॅर लैबोरेट्रीज (एनएबीएल) द्वारा मान्यता प्रदान की जाए।
यह बात मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची ने आज यहां राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि अप्रैल, 2020 तक 9,21,653 घरों को पेयजल कनेक्शन दिया गया है और मार्च 2021 तक कुल 2,66,209 घरों को नल से जल प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से 1,81,747 घरों को पेयजल कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश के कण्डाघाट, पूह, लाहौल व स्पीति विकास खण्डों, 311 पंचायतों और 5,081 गांवों के सभी घरों को नल से जल प्रदान किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के लिए इस वर्ष केन्द्र सरकार से 243.10 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि दो अक्तूबर से भारत सरकार द्वारा सौ दिनों का एक अभियान चलाया जा रहा है जिसके अन्तर्गत 16,889 स्कूलों, 18,925 आंगनवाड़ी केन्द्रों और 43 आश्रमशालाओं को नल से जल उपलब्ध करवा दिया जाएगा।