शिमला। प्रदेश सरकार ने ऐसे आयकर दाताओं जो केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के अन्तर्गत अनुदानित सामग्री प्राप्त कर रहे हैं, के राशन कार्ड ब्लाॅक करने के निर्णय को लागू करते हुए पाया है कि ऐसे बहुत से आयकर दाता हैं, जिनके राशन कार्ड बीपीएल, प्राथमिक गृहस्थियां और अन्त्योदय श्रेणियों में बने हैं।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि इन श्रेणियों में कोई भी आयकर दाता अथवा सरकारी कर्मचारी इन अनुदानित योजनाओं का लाभ लेने के लिए पात्र नहीं हैं। अभी तक उपरोक्त श्रेणियों में आयकर दाताओं/सरकारी कर्मचारियों के 140 से अधिक राशन कार्ड पाए जा चुके हैं और चूंकि राशन कार्ड ब्लाॅक करने का कार्य जारी है, इसलिए ऐसे अपात्र लाभार्थियों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि अवलोकन करने पर पाया गया है कि उपरोक्त श्रेणियों में अनुदानित राशन के लिए अपात्र व्यक्तियों का चयन करने में लाभार्थी स्तर पर, उचित मूल्य दुकानधारक के स्तर पर और पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग, शहरी विकास विभाग तथा खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों अथवा अधिकारियों की भूमिका हो सकती है।
इस मामले की छानबीन समयबद्ध तरीके से करना अनिवार्य है ताकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत अपात्र लाभार्थियों के चयन के कारणों का पता चल सके और उन व्यक्तियों की जिम्मेवारी तय हो सके, जिनकी संलिप्तता अथवा लापरवाही से यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे राशन कार्ड धारकों द्वारा अनुदानित राशन लेने से जो वित्तीय नुकसान सरकार को हुआ है, अपात्र राशन कार्ड धारकों से उसकी भरपाई करने के लिए भी विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि जिन क्षेत्रों में ऐसे मामले सामने आए हैं और भविष्य में आएंगे, उन क्षेत्रों में अपात्र लाभार्थियों के चयन के कारण व इस प्रक्रिया से जुड़े व्यक्तियों की भूमिका की छानबीन संबंधित उपमण्डलाधिकारी करेंगे।
ऐसे लोगों का नाम, व्यवसाय व उससे संबंधित अन्य सूचना, उचित मूल्य की दुकान का नाम, प्राप्त किए गए राशन का ब्यौरा आदि संबंधित जिला नियंत्रक व उनके अधिनस्थ कर्मचारियों द्वारा एसडीएम को उपलब्ध करवाई जाएगी।