शिकारी देवी मंदिर को पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए मुख्य आर्कषण के रूप में किया जाएगा विकसित: मुख्यमंत्री

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शिमला। शिकारी देवी मंदिर को पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए मुख्य आर्कषण के रूप में विकसित करने के साथ इस मंदिर की प्राचीन भव्यता का संरक्षण भी सुनिश्चित किया जाएगा।

यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और शिकारी देवी मंदिर कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय उपलब्ध काली स्लेटों से कांगरी से मंदिर तक सीढ़ियों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक 6.2 लाख रुपये व्यय कर 230 मीटर से अधिक सीढ़ियों का निर्माण किया जा चुका है। सीढ़ियों के साथ-साथ रेलिंग के निर्माण के लिए भी धन का पर्याप्त प्रावधान किया जाएगा।

जय राम ठाकुर ने कहा कि पुराने ढांचे को हटाकर शिकारी माता मंदिर में सराय भवन का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए मंदिर के परिवेश के अनुसार पर्यावरण मित्र सामग्री और सौंदर्य वास्तुकला का उपयोग किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इससे श्रद्धालुओं को ठहरने की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी। ट्रैक के साथ-साथ वर्षा शालिका और विश्राम स्थलों का निर्माण भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगंतुकों के लिए भुल्लाह और कांगरी में शौचालय की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर परिसर के सौंदर्यकरण के लिए एक पार्क और मनोरंजन स्थल विकसित किए जाएंगे। प्रदेश सरकार वन विश्राम गृह में अतिरिक्त आवास बनाने पर भी विचार करेगी। उन्होंने वर्तमान विश्राम गृह के समुचित रख-रखाव के निर्देश भी दिए।

जय राम ठाकुर ने लोक निर्माण विभाग और वन विभाग के अधिकारियों को वन विश्राम गृह स्थल से मंदिर तक गोल्फ कार्ट की तरह विद्युत या पर्यावरण मित्र वाहनों के आवागमन के लिए ज़िग-जैग ट्रैक विकसित करने की संभावनाएं तलाशने के लिए संयुक्त निरीक्षण करने के निर्देश दिए।

शिकारी माता मंदिर कमेटी के सदस्य दिवान चंद ठाकुर, गुलजारी लाल, कमल राणा, भुपेन्द्र, मोहर सिंह, दिनानाथ, इंद्र सिंह, रोशन लाल और हरी सिंह ने शिकारी माता मंदिर क्षेत्र के सौंदर्यकरण के लिए अपने सुझाव दिए।

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