शिमला। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत जिला शिमला के विकास खण्ड मशोबरा में अभी तक 688 महिला स्वयं सहायता समूहों को लगभग 15 करोड़ 35 लाख 43 हजार रुपये ऋण सस्ती ब्याज दर पर बैंकों के माध्यम से विभिन्न ग्रामीण विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आंबटित किए गए।
इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 के दौरान 406 महिला स्वयं सहायता समूहों को लगभग 8 करोड़ 80 लाख 62 हजार रुपये तथा वर्ष 2019-20 के दौरान 282 स्वयं सहायता समूहों को लगभग 6 करोड़ 54 लाख 81 हजार रुपये सस्ती ब्याज दरों पर बैकों द्वारा उपलब्ध करवाए गए।
इसके द्वारा ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ किया जा रहा है तथा ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक स्वावलम्बन का महत्व समझाया जा रहा है, जिससे वे आत्म निर्भर बन सकें।
विभिन्न स्वयं सहायता समूहों में उनके द्वारा निर्मित उत्पाद को विपणन की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है, जिससे एक समावेशी सशक्त समाज का निर्माण सम्भव हो सके।
प्रारम्भिक दौर में विभिन्न समस्याओं के चलते जिसमें महिलाओं को दुग्ध एकत्रित करने तथा विपणन की समस्या से जूझना पड़ा, लेकिन उनकी समूह की महिलाओं की कार्य के प्रति निष्ठा तथा सहकारिता विभाग के सहयोग से उन्होंने इन समस्याओं का निदान पाया और दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में अनुकरणीय पहल कर क्षेत्र में प्रेरणा स्त्रोत बन कर उभरे है और समाज में ग्रामीण आर्थिकी की संबल प्रदान करने में अभिनव मिसाल प्रस्तुत की है।
स्वयं सहायता समूह ग्राम काशी (धगोगी) पंचायत ढली की महिलाओं द्वारा इस क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है, जिससे समूह की महिलाएं क्षेत्र में स्वरोजगार के क्षेत्र में उभरी है वहीं अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ करने में भी सक्षम हुई है।
इस समूह द्वारा स्थानीय ग्रामीण खेलों में जैसे रस्सा कसी, कुश्ती, कब्ड्डी में भाग लिया जाता है तथा शारीरिक एवं मानसिक क्षमता में बढ़ौतरी रहती है। इस समूह की महिलाओं ने दो बार प्रथम स्थान भी प्राप्त किया है।