हमीरपुर। प्रदेश सरकार जनता के मौलिक लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनने पर आमादा हुई है। यह गंभीर आरोप राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश प्रभारी एवं सुजानपुर कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने लगाया है।
राणा ने बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि क्या सरकार अपनी पार्टी की विपरीत विचारधारा के लोगों से मत का अधिकार छीनना चाह रही है या सरकार की प्रशासन पर कोई पकड़ नहीं है या सरकार की मिलीभगत के चलते ही लोगों को मत के अधिकार से महरूम रखा जा रहा है।
इस पर जयराम सरकार को जवाब देना होगा। राणा ने कहा कि पिछले लोकसभा, विधानसभा चुनावों में जिन लोगों के नाम मत सूची में शामिल थे और जिन्होंने इन दोनों चुनावों में अपने मत के अधिकार का प्रयोग किया था उन लोगों के नाम पंचायती राज चुनाव सूची से कैसे कटे?
यह सरकार को बताना होगा। क्योंकि सरकार की नाकामी व कुप्रबंधन या किसी अन्य साजिश के तहत लोकतंत्र में जनता से मत का अधिकार नहीं छीना जा सकता है। जिसकी जवाबदेही पूरी तरह से सरकार की रहेगी, जिस पर सरकार को जवाब देना ही पड़ेगा।
राणा ने कहा कि अचंभा तो इस बात का है कि नाकाम सरकार और बेलगाम अधिकारियों की कारगुजारी के कारण मृतक लोगों के वोट बना दिए गए हैं और जीवित लोगों का नाम ही मतदाता सूची से गायब कर दिए गए हैं।
कमोवेश यह स्थिति समूचे प्रदेश में है, जिस पर अब प्रशासन कह रहा है कि अब कुछ नहीं हो सकता है। इस साजिश के चलते जहां कई लोग मत के अधिकार से महरूम कर दिए गए हैं। वहीं दूसरी ओर कई लोगों का मत सूची में नाम न होने के कारण चुनाव से ही बाहर होना पड़ा है।
सरकार और प्रशासन की इस नाकामी के कारण अनेक लोग चुनाव नहीं लड़ पाए हैं। राणा ने कहा कि अगर इस गंभीर मसले को लेकर सरकार के मन में कोई खोट नहीं है तो सरकार इस मामले पर तुरंत जांच कमेटी गठित करके दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों की जवाबतलबी करके इस मामले में तुरंत जांच करे।
अगर ऐसा नहीं होता है तो प्रदेश की जनता यह मान लेगी कि सरकार की इस मामले में जरूर कोई मिलीभगत है।