शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यहां हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के निदेशक मण्डल की 7वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को राज्य के युवाओं में कौशल उन्नयन के लिए एशियाई विकास बैंक द्वारा वित्त पोषित 100 मिलियन डाॅलर की हिमाचल प्रदेश कौशल विकास योजना को तय समय सीमा के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना राज्य में अधिक उत्पादक कार्यबल का निर्माण करेगी, जो बाजार की मांग, तकनीक और व्यावसायिक कौशल से लैस होगा। उन्होंने कहा कि परियोजना का उद्देश्य 25 टेªडों में राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एससीवीटी) से राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीटी) तक 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को स्तरोन्नत करने के अतिरिक्त नौ रोजगार एक्सचेंज को माॅडल एक्सचेंज में स्तरोन्नत करना भी है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश विकास परियोजना के तहत सोलन जिला के वाकनाघाट में पर्यटन, आतिथ्य और सूचना प्रौद्योगिकी के उत्कृष्ट केन्द्र के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि इस संस्थान में निविदा आमंत्रित करने व उपकरणों की खरीद के लिए एक समिति गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संस्थान का कार्य शीघ्र आरंभ किया जाना चाहिए ताकि युवा इससे लाभान्वित हो सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 6,500 से अधिक छात्र विभिन्न कार्यक्रमों जैसे स्नातक एड आॅन प्रशिक्षण, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण, प्रशिक्षण सेवा संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण और एशियाई बैंक द्वारा वित्त पोषित हिमाचल प्रदेश कौशल विकास परियोजना के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन चल रहे अधिकांश बैचों का प्रशिक्षण जून 2020 तक समाप्त होगा तथा 5,000 से अधिक उम्मीदवारों ने 70 प्रतिशत से अधिक प्रशिक्षण घंटे कोविड-19 महामारी के दौरान हुए लाॅकडाउन में समाप्त कर दिए थे।
उन्होंने कहा कि केवल वह विद्यार्र्थी असाइनमेंट के लिए पात्र होंगे, जिन्होंने कम से कम 70 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति कुल प्रशिक्षण घंटो के अनुपात में दर्ज करवाई हो, इसलिए लाॅकडाउन को ध्यान में रखते हुए को उम्मीदवारों प्रमाण पत्र प्रदान करने पर विचार किया जा सकता है।