उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर, वन एवं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर तथा पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कांग्रेस के नेता मुकेश अग्निहोत्री द्वारा प्रदेश के राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन को हास्यस्पद एवं झूठ का पुलिंदा करार दिया है।
यहां जारी एक प्रेस वक्तव्य में बिक्रम सिंह, गोविन्द सिंह ठाकुर तथा सतपाल सत्ती ने कहा कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि जब पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है तो कांग्रेस के नेता ओच्छी राजनीति करने पर उतारू हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश द्वारा कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रशंसा की गई है, परन्तु कांग्रेस के नेता को इसमें भी राजनीति सूझ रही है।
उन्होंने कहा कि आज जब इस महामारी के विरूद्ध हम सभी को एकजुट होकर लड़ने की आवश्यकता है तो श्री मुकेश अग्निहोत्री केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार ने इस महामारी से निपटने के लिए अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए जिसका परिणाम यह है कि आज हिमाचल प्रदेश देश के उन कुछ एक राज्यों में है, जहां कोरोना के मामले सबसे कम हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने जहां एक ओर तुरन्त प्रदेश की सीमाएं सील कर कर्फ्यू लागू किया, वहीं सरकार ने यह भी सुनिश्चित बनाया कि प्रदेश के किसान व बागवान प्रभावित न हों।
उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना योद्धाओं के प्रोत्साहन तथा किसी अप्रिय घटना की स्थिति में उनके परिजनों के लिए 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करने का निर्णय लिया।
बिक्रम सिंह, गोविन्द सिंह ठाकुर तथा सतपाल सत्ती ने कहा कि जहां तक इन्दिरा गांधी मेडिकल काॅलेज के प्रिंसिपल डाॅ मुकन्द को हटाए जाने का प्रश्न है तो यह एक प्रशासनिक प्रक्रिया है, जिस पर विपक्ष के नेता को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों, पेंशनरों तथा चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टाफ के अनेक संगठनों ने स्वेच्छा से एक दिन का वेतन कोविड-19 फंड में देने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि यह बड़े खेद की बात है कि मुकेश अग्निहोत्री इस गंभीर मुद्दे पर भी राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जहां तक मण्डी जिले के सरकाघाट से लाए गए कोरोना मरीज के अंतिम संस्कार का प्रश्न है तो इसको पूरे प्रोटोकाॅल को ध्यान में रखते हुए किया गया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के अधिकारी पूरी निष्ठा से सरकार को सहयोग दे रहे हैं और उन पर इस प्रकार के आरोप लगाकर नेता प्रतिपक्ष उनका मनोबल गिरा रहे हैं।