वैब मीडिया के लिए हो रही नीति तैयार
शिमला। मीडिया सरकार व समाज के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करता है और कोविड-19 महामारी के दौरान मीडिया ने लोगों को जागरुक करने और इस दौरान सकारात्मक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर शिमला में आयोजित वेबिनार के माध्यम से कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने विश्व की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया है और लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ भी इससे अछूता नहीं रहा।
उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन की सबसे बड़ी क्षति प्रिंट मीडिया को पहुुंची है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि बड़े प्रकाशन घराने भी अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के लिए विवश हो गए और कुछेक को अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती करनी पड़ी।
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी मीडिया ने इस महामारी के दौरान लोगों को जागरूक करने में अह्म भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि इस महामारी से बहुत से पत्रकार संक्रमित हुए और कुछ ने अपनी जान भी गंवाई।
उन्होंने कहा कि डिजिटल व प्रिंट मीडिया ने जमीनी स्तर पर बहुत सी कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद भी पूरे देश में लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जय राम ठाकुर ने कहा कि परस्पर विश्वास पैदा करने के लिए सरकारी एजेंसियों, मीडिया और लोगों के बीच में प्रभावी संवाद स्थापित करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कभी-कभी सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाहें फैलाई जाती हैं, जिसका प्रमुख कारण लोगों तक सबसे पहले खबरें पहुंचाने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा हो सकती है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी सरकार, यहां तक कि मीडिया के लिए भी एक नया अनुभव था। जब भारत में पहली बार कोरोना वायरस पाया गया था, उस समय देश में एक भी पीपीई किट व एन-95 मास्क उपलब्ध नहीं थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पास केवल 60 वेंटिलेटर उपलब्ध थे, लेकिन आज प्रदेश में 600 वेंटिलेटर हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी पहली वीडियो कांफ्रेंस में कहा था कि यह आपत्ति की घड़ी नई सम्भावनाओं को खोजने का भी समय है। उन्हांेने कहा कि आज देश प्रतिदिन 5 लाख पी.पी.ई. किट तैयार कर रहा है और अन्य देशों को भी निर्यात कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया ने हमेशा ही रचनात्मक भूमिका निभाई है और न केवल प्रदेश व केन्द्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों बल्कि मीडिया की खामियों पर भी पर प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा कि यह केवल मीडिया के सहयोग से ही संभव हो पाया है कि प्रदेश सरकार बाहरी राज्यों में फंसे 2.50 लाख लोगों को हिमाचल लाने में सफल रही। उन्होंने कहा कि कोविड के प्रभाव कुछ वर्षों तक ही रहेंगे और प्रिंट मीडिया भी इसके प्रभावों से जल्द उबर जाएगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार वैब मीडिया के लिए नीति तैयार करने जा रही है, जिससे वैब पोर्टलों के उचित प्रबन्धन में सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सोशल मीडिया का उपयोग बुद्धिमानी और विवेकपूर्ण ढंग से किया जाए तो यह लोगों के व्यवहार परिवर्तन करने और कल्याण में प्रभावशाली साबित हो सकता है।
उन्होंने कहा कि मीडिया कर्मियों को विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए तभी वे समाज में सम्मान और आदर अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोग मीडिया का सम्मान तभी करेंगे जब उन्हें लगेगा कि मीडिया उन तक बिना किसी तोड़-मरोड़ के सही सूचना पहुंचा रहा है।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के सचिव रजनीश ने वैबिनार में मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि कोविड महामारी के कारण अधिक से अधिक पत्रकारों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस को वेबिनार के माध्यम से आयोजित करने का निर्णय लिया।