नेरवा/शिमला। भारत चीन सीमा पर ड्यूटी के दौरान शहीद हुए धारचाँदना के अतर राणा की पार्थिव देह के उनके पैतृक गाँव पंहुचने पर हजारों लोगों ने शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
गुरूवार को भारत चीन सीमा पर ड्यूटी के दौरान शहीद हुए धारचाँदना के अतर राणा की पार्थिव देह जैसे ही उनके पैतृक गाँव पंहुची, पूरा वातावरण अतर राणा अमर रहे और जब तक सूरज चाँद रहेगा तब तक अतर तेरा नाम रहेगा, के नारों से गूँज उठा।
शहीद के पिता हरी राम, माता फुलमा एवं भाई और बहनों ने कहा कि अपने बेटे और भाई की असमायिक मौत का उन्हें ताउम्र गम तो रहेगा, परन्तु इस बात का फक्र भी रहेगा कि उनका बेटा और भाई देश सेवा करते देश के काम आया है।
शहीद की पार्थिव देह के साथ आये एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि अतर राणा रोज की तरह गश्त पर थे। इस दौरान करीब पांच बजे एक बारूदी सुरंग फटने से उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। अतर राणा की शहादत से पूरे इलाके में शोक का माहौल है।
शहीद के भाई रमेश और गीता राम ने उन्हें मुखाग्नि दी । चौपाल के विधायक बलवीर सिंह वर्मा ने प्रदेश सरकार की तरफ से शहीद के परिजनों को पांच लाख रुपये की राशि का चेक प्रदान किया।
शहीद की अंतिम यात्रा में उप मंडलाधिकारी नरिंदर चौहान, डीएसपी चौपाल राजकुमार, तहसीलदार कुपवी राजेश कुमार सहित तमाम प्रशासनिक अमला मौजूद रहा।
चौपाल के पूर्व विधायक डॉ सुभाष चंद मंगलेट ने अतर राणा की शाहदत पर शोक प्रकट करते हुए शहीद के परिवार के प्रति सांत्वना प्रकट की है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी महासचिव रजनीश किमटा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि शहीद के परिजनों को सरकार की तरफ से एक करोड़ रुपये दिए जाएं एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।