हमीरपुर। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जान दांव पर लगाकर उन्हें अनेकों कार्य करवाए जाने पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि क्या आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकार ने संजीवनी बूटी जैसी कोई वैक्सीन ईजाद कर दी है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के इन कर्मचारियों की अनेकों कार्यों में ड्यूटी लगाई जा रही है, जबकि सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि बिना प्रशिक्षण दिए इन महिला कर्मचारियों से स्वास्थ्य संबंधी कार्यों में भी धकेला जा रहा है जोकि इन योजना कर्मियों से सरासर अन्याय है। उन्होंने कहा कि कोरोना की शुरुआत से ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं कोरोना से संबंधित हरेक कार्य में ड्यूटियां दे रही है, लेकिन कोरोना महामारी की मैपिंग वह अन्य कार्यों में ड्यूटी लगाना ग़लत है।
वो भी तब, जब वे नियमित कर्मचारी न होने के साथ सभी वित्तीय लाभों से वंचित हैं तथा मामूली वेतन पर सेवाएं दे रही इन महिला कर्मचारियों को बीमा योजना का लाभ भी नहीं दिया है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ग से अन्यायपूर्ण व सौतेला व्यवहार हरगिज सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का अन्य वर्गों से भी ऐसा ही उपेक्षित रवैया अपनाया जा रहा है। आशा वर्कर का भी ऐसा ही हाल है, जिनका भी भविष्य सुरक्षित नहीं है लेकिन कोरोना महामारी के कार्यों में फील्ड में इन्हीं से काम लिया जा रहा है, जबकि इनके भी स्वास्थ्य व आर्थिक दृष्टि से सरकार कोई योजना नहीं चला रही है।
उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में नाकाम रही वर्तमान सरकार व उसकी अफसरशाही हमेशा ही अपनी जिम्मेवारियों से भागती रही है, जबकि सरकार को जबावदेह होना चाहिए। सरकार की ऐसी कार्यशैली से ही जनता निराश है।
उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार की करनी देखकर लगता है कि गरीब व कमजोर वर्गों को इन सरकारों ने कुचलने का मन बना लिया है, ताकि यह वर्ग अपनी आवाज ही नहीं उठा पाएं।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कोरोना योद्धा घोषित करने के साथ उनके लिए बीमा योजना करने के साथ अन्य वित्तीय लाभ भी दिए जाएं।