शिमला। प्रदेश की तेरहवीं विधानसभा का नौंवा सत्र 7 सितम्बर 2 बजे से आरम्भ होने जा रहा है। यह मॉनसून सत्र 18 सितम्बर तक चलेगा। इस सत्र में 10 बैठकें आयोजित की जाएंगी। 10 सितम्बर वीरवार का दिन गैर सरकारी सदस्य कार्य दिवस के लिए निर्धारित किया गया है।
यह जानकारी विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने आज एक प्रैसवार्ता में दी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी जहां पूरे विश्व में विकराल रूप धारण किये हुई है वहीं हमारा देश व प्रदेश भी इससे अछुता नहीं है ।
22 सितम्बर से पूर्व सत्र का आयोजन था अनिवार्य
परमार ने कहा कि हालांकि ऐसी भयावह स्थिति में सत्र का आयोजन करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है लेकिन संवैधानिक व्यवस्था को बनाये रखने के लिए 22 सितम्बर से पूर्व सत्र का आयोजन करना अनिवार्य था, फिर भी हिमाचल प्रदेश विधान सभा सचिवालय पूरी सजगता तथा दृढ़ता के साथ इसके आयोजन की तैयारियों मे जुटा है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ही गेट संख्या 1,2,3,6 और 8 में थर्मल सक्रीनिंग करेंगे। स्वास्थ्य विभाग दो शिफ्टों में डॉक्टर्ज, एक फार्मासिस्ट और एक स्टॉफ नर्स के साथ कुछ अन्य पैरा मैडिकल स्टॉफ को विधान सभा में तैनात रखेगा।
थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान किसी का तापमान सामान्य से ज्यादा होने की स्थिति में उसे विधान सभा डिस्पैंसरी के समीप स्थापित आइसोलेशन रूम में अगली जांच के लिए शिफ्ट किया जायेगा। बिना थर्मल स्क्रीनिंग के कोई भी व्यक्ति विधान सभा परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेगा।
फुट पैडल के साथ सैनिटाईजर की होगी व्यवस्था
सत्र के दौरान विधान सभा सचिवालय के मुख्य द्वारों, सदन के बाहर पक्ष व विपक्ष गैलरी, पक्ष व विपक्ष लौंज और अधिकारी दीर्धा के बाहर फुट पैडल के साथ सैनिटाईजर की व्यवस्था की जा रही है।
सत्र के दौरान मंत्रियों, सदस्यों और सदन से सम्बन्धित विधान सभा के अधिकारियों/ कर्मचारियों एवं मिडिया के सभी साथियों को सर्जिकल फेस मास्क तथा 100 एमएल सैनिटाईजर की एक-एक बोतल भी प्रदान करने की व्यवस्था की जायेगी।
सत्र के दौरान गेट न 4 के बाई ओर एक टैस्टिंग वैन तैनात रहेगी। विधान सभा सत्र के दौरान समस्त परिसर व सदन को प्रात: व सदन के स्थगित होने के उपरान्त सोडियम हाईपोक्लोराइड (Nao2 CL-1%) एक प्रतिशत सोल्युशन के साथ वाईप सैनेटाईज किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि इस पर चार लाख कर करीब खर्च आया है।
दर्शक दीर्धा में बैठने के लिए नहीं जारी होंगे पास
उन्होंने कहा कि कोराना महामारी के चलते निर्णय लिया गया है कि दर्शक दीर्धा में बैठने के लिए किसी भी आगन्तुक को पास जारी नहीं किया जायेगा। मंत्रीपरिषद के सभी सदस्यों से आग्रह किया गया है कि वे अपने साथ केवल अपने एक निजी सहायक या जिस एक को वह आवश्यक समझें, को ही आने की अनुमति दें तथा उनके साथ तैनात सुरक्षा अधिकारी / कर्मचारी परिसर से बाहर ही रहें।
इसके अतिरिक्त प्रशासनिक सचिवों तथा विभागाध्यक्षों से भी आग्रह किया गया है कि वे केवल उन्हीं अधिकारियों और कर्मचारियों के पास के लिए आवेदन करें जिनकी सेवायें आवश्यक हैं।
सत्र के लिए डियुटी पर तैनात किये जाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या में कटौती
विधानसभा सत्र के लिए डियुटी पर तैनात किये जाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों में भारी कटौती की जा रही है। अब विधान सभा सचिवालय 1200 के बजाय मात्र 400 के लगभग अधिकारियों/कर्मचारियों को पास जारी करेगा।
कोरोना संक्रमण से बचने हेतु सदस्यों के सदन में बैठने की विशेष व्यवस्था की गई है। सदन के भीतर सदस्य एक दूसरे के सम्पर्क से दूर रहें इसके लिए उनके आसन को 6 फुट उँची पोलीकार्बोनेट शीटस से पृथक किया गया है।
अभी तक 577 तांराकित व 228 अतांराकित प्रश्न प्राप्त
उन्होंने कहा कि अभी तक कुल 577 तांराकित प्रश्नों की सूचनायें प्राप्त हुई है जिसमें 419 ऑनलाइन व 158 ऑफलाइन प्राप्त हुए हैं जबकि 228 अतांराकित प्रश्नों की सूचनायें प्राप्त हुई हैं जिनमें 131 ऑनलाइन व 97 ऑफलाइन प्राप्त हुई हैं।
इनमें से अधिकतर प्रश्न नियमानुसार सरकार को आगामी कार्रवाई हेतु प्रेषित किये गए हैं। इसके अतिरिक्त सदस्यों से नियम-62 के अर्न्तगत दो सूचनाएं, नियम- 101 के अर्न्तगत चार सूचनायें तथा नियम-130 के अर्न्तगत ग्यारह सूचनाएं प्राप्त हुई है जिन्हें सरकार को आगामी कार्रवाई हेतु प्रेषित कर दिया गया है।
प्रश्न मुख्यत: कोरोना माहामारी, पचायतों का पुर्नगठन, एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियों, सड़कों की दयनीय स्थिति, स्वीकृत सड़कों की डीपीआर, प्रदेश में महाविद्यालयों, स्कूलों, स्वास्थ्य संस्थानों इत्यादि का उन्नयन एवं विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की पद्पूर्ति, पर्यटन, उद्यान, पेयजल की आपूर्ति, युवाओं में बढ़ते नशे के प्रयोग की रोकथाम, बढ़ते अपराधिक मामलों व सौर ऊर्जा तथा परिवहन व्यवस्था पर आधारित हैं।
इसके अतिरिक्त सदस्यों ने प्रश्नों के माध्यम से अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से सम्बन्धित मुख्य मुद्दों को भी उजागर किया है।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सता पक्ष तथा विपक्ष के सदस्यों से अनुरोध किया कि वे जनहित से जुड़े मुद्दों को ही सदन में उठायें तथा हिमाचल प्रदेश विधान सभा की परम्पराओं तथा गरिमा का सम्मान करते हुए नियमों की परिधि में रहकर जनहित से सम्बन्धित विषयों पर सदन में सार्थक चर्चा करें तथा सत्र के संचालन में अपना रचनात्मक सहयोग दें।