शिमला। हिम सुरक्षा अभियान के तहत विभिन्न विभागों, जिला प्रशासन और गैर सरकारी संगठनों वाले कुल 7298 सक्रिय दल लोगों के स्वास्थ्य मापदंडों के बारे में घर-घर जा कर आंकड़े एकत्रित करना सुनिश्चित कर रहे हैं।
यदि किसी व्यक्ति में कोई लक्षण पाया जाता है, तो आगे की जांच के लिए सैंपल एकत्र किए जा रहे हैं ताकि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें। यह जानकारी यहां स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने दी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा 24 नवम्बर को आरम्भ किया गया हिम सुरक्षा अभियान स्वास्थ्य, आयुर्वेद, महिला एवं बाल विकास, पंचायती राज विभाग, जिला प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से 27 दिसम्बर तक चलेगा जिसमें विभिन्न दल लोगों के स्वास्थ्य मापदण्डों के बारे में घर-घर जाकर सूचना एकत्रित करना सुनिश्चित करेंगी।
इस अभियान के तहत विभिन्न बीमारियों के लिए अब तक 21,54,952 लोगों की जांच की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि अब तक जिला बिलासपुर में 1,23,058 लोगों, चंबा में 1,52,480, हमीरपुर में 1,86,825, कांगड़ा में 4,87,758, किन्नौर में 18,313, कुल्लू में 1,61,723, लाहौल-स्पीति में 5,943, मंडी में 3,69,730, शिमला में 1,46,761, सिरमौर में 1,37,907, सोलन में 1,98,892 और ऊना में 1,65,562 लोगों की स्वास्थ्य जांच की जा चुकी है, जो राज्य की 29 प्रतिशत आबादी है।
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान कोविड के लिए कुल 29,135, तपेदिक के लिए 8,476 और कुष्ठ रोग के लिए 688 संभावितों की पहचान की गई है। सभी जिलों में अधिकारियों को कोविड, क्षयरोग और कुष्ठ रोग के संभावितों के तत्काल सैंपल लेने के निर्देश दिए गए हैं। मंगलवार को इस अभियान की समीक्षा भी की गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा शुरू किया गया ‘हिम सुरक्षा अभियान’ कोविड-19 महामारी के बारे में लोगों को जागरूक करने और क्षयरोग, कुष्ठ रोग, शुगर, उच्च रक्तचाप आदि के लक्षणों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए पूरे राज्य में डोर-टू-डोर अभियान के रूप में चलाया जा रहा है।
अभियान की निरन्तर निगरानी के लिए अधिकारियों को तैनात किया गया है।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि इस अभियान के माध्यम से कोविड उचित व्यवहार जैसे व्यक्गित स्वच्छता, सामाजिक दूरी और मास्क पहनने के बारे में जागरूकता के अतिरिक्त चिकित्सा मांग व्यवहार के प्रति जागरूकता पैदा की जा रही है ताकि किसी भी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित व्यक्ति तुरंत चिकित्सक से परामर्श ले सकें।
उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर उपचार के लिए स्वास्थ्य संस्थान को होम आइसोलेशन के तहत कोविड-19 रोगियों के लिए चिह्नित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में समर्पित वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे।
इन वाहनों को पीछे की सीट से ड्राइवर केबिन को अलग करने के लिए फाइबर ग्लास लगाया जाएगा। इसके अलावा, आपातकालीन सेवाओं के लिए जिलों से 30 एंबुलेंस को जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि लोगों के सैंपल एकत्र करने के लिए राज्य के कुछ स्थानों पर कियोस्क लगाए गए हैं।
अमिताभ अवस्थी ने कहा कि वर्ष 2019 के लिए टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन में राज्य को पहले ही देश में सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में स्थान दिया गया था और हिमाचल प्रदेश अन्य बड़े राज्यों में तपेदिक अधिसूचना दर में अग्रणी है।