शिमला। प्रदेश में कोरोना मुख्यमंत्री और इसके मंत्रियों की वजह से बेकाबू हुआ है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।
यह बात आज कांग्रेस के शिमला संसदीय क्षेत्र के विधायकों ने एक पत्रकारवार्ता में कही।
हर्षवर्धन चौहान, मोहन लाल ब्राक्टा और नंद लाल ने कहा कि आज देश में हिमाचल कोरोना हॉटस्पॉट बन गया है। एक ओर जहां देश में कोरोना के मामले घट रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश में मामले बढ़ते जा रहे हैं।
इसका एक बड़ा कारण प्रदेश सरकार की राजनीतिक रैलियों को अनुमति प्रदान करना भी रहा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले दिन से ही सरकार को आगाह करना शुरू कर दिया था पर प्रदेश सरकार इस मोर्चे पर पूरी तरफ असफल रही है।
कांग्रेस विधायकों ने कहा कि कांग्रेस के आरोपों को तो सरकार विपक्ष का हल्ला बोल सकती है पर अब तो प्रदेश हाईकोर्ट ने भी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने सरकार को कोरोना मरीजों के लिए अच्छे इंतज़ाम करने का आदेश दिया है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हर प्रदेश की भगौलिक परिस्थिति अलग अलग है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर सिर्फ केंद्र सरकार के आदेशों पर काम कर रहे हैं जबकि उनको अपनी समझ से भी निर्णय लेने चाहिए थे।
विधायक नंद लाल ने कहा कि वह खुद कोरोना संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती हुए थे। उन्होंने अस्पताल की दयनीय स्थिति पर सरकार को घेरा।
उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति की उनके सामने अस्पताल में कोरोना से मौत हो गयी जिसका शव एक दो घंटों तक वहीं पड़ा रहा। बाद में उन्होंने अस्पताल के एमएस डॉ जनक राज को फ़ोन किया तब जाकर शव को वहां से हटाया गया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कोरोना काल में अस्पतालों में जा जा कर उपकरण बांटे।
उन्होंने कहा कि आज किसान सड़कों पर हैं। आज भारत बंद का भी किसानों द्वारा आवाह्न किया गया है।
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा प्रैस कॉन्फ्रेंस में यह कहना कि किसान काजू बादाम खा रहे हैं, बेहद निंदनीय है।
उन्होंने पूछा कि क्या किसान काजू बादाम नही खा सकते।
उन्होंने कहा कि इसी मुद्दे पर हरियाणा की सरकार जल्दी गिरने वाली है।
उन्होंने नए कृषि बिलों पर कहा कि यह किसान विरोधी बिल हैं।
उन्होंने इसे काला कानून बताते हुए केंद्र सरकार से इन्हें वापिस लेने की मांग की।