शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में परिवहन और सड़क सुरक्षा संस्थानों को सुदृढ़ करने के लिए विश्व बैंक के साथ 112 मीलियन डाॅलर (840 करोड़) की परियोजना हस्ताक्षरित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर और विश्व बैंक का आभार व्यक्त किया है। इसमें 82 मीलियन (615 करोड़ रुपये) विश्व बैंक का भाग है जबकि 225 करोड़ राज्य का हिस्सा है।
कोविड-19 महामारी के संक्रमण के बाद यह पहली परियोजना है, जिसके लिए विश्व बैंक के साथ ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
आज इस बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना की पहली श्रृंखला में तीन घटक शामिल किए गए हैं। पहला घटक हिमाचल प्रदेश के परिवहन संस्थानों का निर्माण और लचीलापन शामिल है जिसमें संस्थागत सुधारों के कार्यान्वयन की परिकल्पना की गई है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सड़क और अन्य बुनियादी ढांचा विकास निगम को फिर से स्थापित कर इसका परिचालन किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के सड़क रखरखाव और प्रत्यक्ष श्रम संचालन का व्यावसायीकरण किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, हिमाचल प्रदेश मोटर वेहिकल एडमिनिस्ट्रेशन की स्थापना और परिवहन विभाग को मजबूत किया जाएगा तथा लाॅजिस्टिक प्रणाली और रणनीति को भी विकसित किया जाएगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि दूसरे घटक के अंतर्गत प्रदेश की बागवानी और समग्र आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने वाली पांच चयनित 127 किलोमीटर सड़कों में सुधार किया जाएगा।
इसी प्रकार, तीसरे घटक में सड़क सुरक्षा में सुधार की परिकल्पना की गई है। इसके अंतर्गत सुरक्षित प्रणाली और सुरक्षित गलियारा पहल को बढ़ावा दिया जाएगा।
सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए राज्य परिवहन विभाग के अंतर्गत सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ को मजबूत किया जाएगा तथा सड़क दुर्घटना डेटा प्रबंधन प्रणाली को बढ़ावा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गति नियंत्रण, प्रशिक्षण, परिवर्तनीय संदेश प्रणाली (वीएमएस), आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली के लिए तकनीकी सहायता (सीसीटीवी कैमरा) के साथ यातायात पुलिस को सुदृढ़ किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस व प्राथमिकता किट प्रदान करने के अलावा सामुदायिक सड़क सुरक्षा कार्यक्रम उपलब्ध करवाया जाएगा तथा सड़क सुरक्षा सलाहकार सेवाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि पहले चरण को छह वर्ष की अवधि में पूरा करने का प्रावधान किया गया है। इसके उपरांत चरण दो और तीन के अंतर्गत 523 किलोमीटर सड़कों के स्तरोन्नयन का प्रावधान हे जिसके लिए विश्व बैंक अतिरिक्त धनराशि का प्रावधान करेगा।