शिमला। पोषण अभियान को प्रभावोंत्पादक बनाने के लिए सभी का सहयोग आपेक्षित है। विशेष रूप से महिलाओं की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।
उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने आज महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक एवं अधिकारिता विभाग एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी के तत्वाधान् में राष्ट्रीय पोषण माह के तहत उपायुक्त कार्यालय परिसर में कार्यरत महिलाओं के लिए पोषण जागरूकता कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए बचत भवन में आयोजित कार्यक्रम में यह विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि पोषण अभियान महज कार्यक्रम न होकर एक सामाजिक ध्येय है, जो सशक्त समाज के निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कुपोषण को दूर करने के लिए जीवन चक्र दृष्टिकोण अपनाकर चरणबद्ध रूप में पोषण अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर को समयबद्ध तरीके से सुधारा जा सके।
उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में उपायुक्त कार्यालय में कार्यरत पुरूष कर्मचारियों के साथ-साथ महिला कर्मचारियों ने भी भरपूर कार्य किया। उन्होंने बताया कि कोविड काल में बाहर से आए बेरोजगार हुए लोगों के पुर्नवास के लिए हम सभी अपने विभागीय स्तर पर सहयोग करें।
उन्होंने बताया कि गत वर्ष ’बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम के तहत जिला शिमला को देश के श्रेष्ठ जिलों में शामिल किया गया था। इसी दृष्टि से हमें इस निरंतरता को आगे बढ़ाते हुए इस योजना पर और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि आज के दौर में लिंगानुपात को बनाए रखना अति आवश्यक है ताकि देश व हमारा समाज प्रगति की ओर अग्रसर हो सके। उन्होंने संस्थागत प्रसव की आवश्यकता पर बल देने को कहा।