हमीरपुर। दुनिया का सर्वोच्च लोकतंत्र राजहठ के कारण गहरे संकट में आ चुका है। सरकार देश के नागरिकों से अंग्रेजी हुकूमत सरीखा व्यवहार कर रही है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है।
राणा ने कहा कि प्रचंड बहुमत से बनाई सरकार देश के नागरिकों से इतना खराब व्यवहार करेगी इसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। सड़कों पर संघर्ष कर रहे देश के अन्नदाता की आंदोलन के दौरान औसतन मौत का आंकड़ा रोजाना दो से ज्यादा बढ़ चुका है।
50 दिनों के करीब सड़कों पर ठिठुरे 70 किसानों की मौत आंदोलन के दौरान हो चुकी है। लेकिन सरकार किसी तानाशाह राजा की तरह व्यवहार करते हुए सत्ता के दम पर जनता को आतंकित करने का काम कर रही है।
राणा ने कहा कि हालांकि लोकतंत्र में कट्टरवाद व राजहठ का कोई स्थान नहीं है। बावजूद इसके सरकार राजहठ पर अड़ी है। बेरोजगारी के कारण देश में मारामारी मची हुई है। देश में जीडीपी लगातार गिरती हुई पाताल की ओर जा रही है। महंगाई आसमान छू रही है और सरकार सत्ता के कारोबार में व्यस्त होकर लोकतंत्र की हर मर्यादा को लांघ रही है।
वर्षों के प्रयास और मेहनत से कांग्रेस द्वारा बनाई गई देश की संपत्तियों व परिसंपत्तियों की सरकार ने बाजार की तर्ज पर सेल लगा रखी है। लग रहा है कि यह सरकार जनता से ज्यादा बाजार व पूंजीपतियों के लिए सत्तासीन है। लोकतंत्र से आम आदमी का भरोसा खत्म होता जा रहा है।
हिमाचल हो या केंद्र ब्युरोक्रेसी, दलाल माफिया सरकार पर पूरी तरह सवार है। कानून व्यवस्था का जनाजा निकल रहा है लेकिन सिर्फ सरकार ही मान रही है कि सब ठीक चल रहा है। राणा ने कहा कि केंद्र राज्यों के अधिकारों को एक साजिश के तहत लगातार खत्म कर रहा है जिसमें भाजपा शासित राज्य भी संकट में है।
राज्यों को सरकार का राजकाज कर्जे पर कर्जा लेकर चलाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब विपक्ष और जनता ही नहीं बीजेपी के कार्यकर्ता भी सरकार से हताश और निराश हो चुके हैं।
देश और राज्यों की जनता 2022 विधानसभा और 2024 लोकसभा के चुनावों का इंतजार कर रही है जिसमें ज्यादतियों पर आमादा हुई केंद्र सरकार का सूपड़ा साफ होगा यह निश्चित है।