दीन दयाल अन्त्योदय योजना के तहत प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में गरीब परिवारों के 3053 स्वयं सहायता समूहों का गठन

Spread with love

शिमला। दीन दयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में रह रहे गरीब परिवारों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कारगर साबित हो रही है। इस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में रह रहे गरीब परिवारों की सामाजिक, आर्थिक एवं संस्थागत क्षमता का विकास करना है।

इस योजना के तहत उन्हें प्रशिक्षण व वित्तीय सहायता के माध्यम से स्वरोज़गार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं ताकि वे आजीविका अर्जन कर सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें।

दीन दयाल अन्त्योदय योजना के तहत प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में गरीब परिवारों के 3053 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है तथा 2 हजार 292 स्वयं सहायता समूहों को रिवोल्विंग फंड भी प्रदान किया जा चुका है। 105 एरिया लेवल फैडरेशन का गठन भी किया गया है तथा उनमें से 85 को रिवोल्विंग फंड प्रदान किया गया है।

इस योजना के तहत लगभग 4400 लाभार्थियों को विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान किया गया है तथा 1048 लाभार्थियों को विभिन्न संस्थानों के माध्यम से रोजगार प्रदान किया गया है।

यह योजना, रेहड़ी-फड़ी का कार्य करने वाले गरीब परिवारों के लिए भी वरदान साबित हो रही है। इसके तहत सभी 54 शहरी निकायों में 5 हजार 790 रेहड़ी-फड़ी वालों का सर्वेक्षण किया गया है। 5 हजार 790 रेहड़ी-फड़ी वालों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्रदान किया गया है और 3515 को पहचान पत्र जारी किए जा चुके है।

इस योजना के तहत शहरी क्षेत्र के गरीबों को आश्रय प्रदान करने के लिए दक्षतापूर्ण कार्य किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत 39 आश्रयों का निर्माण किया गया है तथा पुराने रैन बसेरों का नवीकरण भी किया गया है। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए चुनाव के माध्यम से लगभग 20 नियमित शहर वेंडिंग समितियां गठित की गई हैं।

कोविड-19 के दौरान योजना को सफल बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर रहा है। राज्य सरकार इस योजना के अन्तर्गत अधिक लोगों को लाभान्वित करने के लिए प्रयासरत है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान इस योजना के अन्तर्गत 1 करोड़ 54 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।

दीन दयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के सफल संचालन के लिए हिमाचल प्रदेश को 2018-19 में उत्तर पूर्व क्षेत्र और हिमालयन राज्यों की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। हिमाचल प्रदेश को पुरस्कार स्वरूप 5 करोड़ रुपये के अतिरिक्त अनुदान राशि के साथ प्रशस्ति पत्र प्राप्त हुआ।

कौशल प्रशिक्षण एवं नियोजन के तहत राष्ट्रीय कौशल योग्यता के मानकों एवं सेक्टर स्किल कौंसिल के मानकों के अनुरूप गरीब लोगों को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम में सूचीबद्ध संस्थाओं अथवा सेक्टर स्किल कौंसिल से प्रमाणित संस्थाओं द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

राज्य सरकार का उद्देश्य शहरी आवासहीनों को आवश्यक सुविधाओं से आश्रय प्रदान करना है। इस योजना के तहत गरीब लोगों को बैंक के द्वारा आसानी से ऋण प्रदान किया जाता है और स्वयं सहायता समूहों को लिए गए ऋण पर सब्सिडी भी प्रदान की जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: