शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय दिव्यांग विद्यार्थियों को सभी शैक्षणिक विभागों में पीएचडी में हर वर्ष एक अतिरिक्त सीट आरक्षित करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है।
विश्वविद्यालय द्वारा जारी प्रवेश सूचना के अनुसार पीएचडी के लिए आवेदन जमा करने की अन्तिम तिथि 3 अक्तूबर है। विश्वविद्यालय दिव्यांगों के लिए बाधारहित संस्थान के रूप में परिवर्तित हो रहा है।
परिसर में 5 करोड़ रुपए की लागत से कई लिफ्ट, रैम्प और बाधारहित शौचालय बनाने का काम शीघ्र शुरू किया जायेगा।
विश्वविद्यालय के विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो अजय श्रीवास्तव ने बताया कि देश के किसी भी विश्वविद्यालय में दिव्यांग विद्यार्थियों को पीएचडी में हर वर्ष सीट उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है।
सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में उन्हें 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पीएचडी में सीटें बहुत कम होने के कारण दिव्यांग विद्यार्थियों को हर वर्ष हर विभाग में प्रवेश नहीं मिल सकता था। इसलिए विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद के सदस्य के तौर पर प्रो अजय श्रीवास्तव ने हर वर्ष दिव्यांग विद्यार्थियों को प्रत्येक विभाग में एक अतिरिक्त सीट देने का प्रावधान कराया। उन्होंने इसके लिए कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार का धन्यवाद किया।
विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पिछले वर्ष दृष्टिबाधित एवं दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए सुगम्य में पुस्तकालय का उद्घाटन किया था। इसमें टॉकिंग सॉफ्टवेयर वाले आधुनिक कंप्यूटर लगे हैं जिससे दृष्टिबाधित विद्यार्थी आसानी से अपनी पढ़ाई कर सकते हैं। अनेक दिव्यांग विद्यार्थी अब एमए के अलावा एमफिल और पीएचडी भी कर रहे हैं।