एसएस इनोवेशन ने लांच किया एसएसआई मंत्र
नई दिल्ली: दशकों से सफल रोबोट-असिस्टेड सर्जरी ने लाखों रोगियों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है और इसकी पहुंच पहले के मुकाबले बहुत बढ़ी है। मगर अभी भी रोबोट प्रणाली महंगी है, जिस वजह से बेहद कम लोगों तक इसका फायदा पहुंच पा रहा है। दुनिया के छह अरब से अधिक लोग इस आधुनिक तकनीक के लाभ से वंचित हैं।
डॉ सुधीर पी श्रीवास्तव और उनकी टीम ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में SSI MANTRA (मल्टी आर्म नोवल टेली रोबोटिक असिस्टेंस) सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम को लॉन्च किया। इस कार्यक्रम में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत समेत अनेक लोग मौजूद रहे।
डॉ श्रीवास्तव ने कहा “रोबोटिक्स सर्जरी का भविष्य बेहद उज्ज्वल है। मेरा विजन तकनीकी रूप से एक उन्नत प्रणाली का विकास करने का रहा है, जो कम लागत में, आसानी से और प्रभावी रूप से प्रयोग की जा सके। साथ ही इसे सभी सर्जिकल विशेषताओं के लिए लागू किया जा सकता है।
इस प्रकार, दुनिया भर में अधिक रोगियों को इससे लाभ होगा। पारंपरिक सर्जरी की तरह रोबोटिक सर्जरी में बड़े चीरे नहीं लगाए जाते, इसलिए पेशेंट को सर्जरी के बाद कम दर्द होता है और वह जल्दी ठीक भी हो जाता है।
डॉ श्रीवास्तव ने एक सर्जन के रूप में अपने करियर में 1400 से अधिक रोबोटिक कार्डिएक सर्जरी की है। उनका लक्ष्य एक ऐसी सस्ती सर्जिकल रोबोटिक प्रणाली का निर्माण करना है जिसकी पहुँच दुनिया भर के रोगियों के लिए आसान हो और सर्जनों के लिए उस तकनीक का उपयोग करना भी आसान हो।
हाल ही में राजीव गांधी कैंसर संस्थान में MANTRA प्रणाली का उपयोग मानव पायलट अध्ययन के लिए पहली बार किया गया, जहां सर्जनों ने एक महीने से भी कम समय में 18 जटिल यूरोलॉजी, गायनोकोलॉजी और जनरल सर्जरी प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया।
लॉन्च इवेंट में मौजूद आरजीसीआई के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुधीर रावल ने कहा कि “एसएस इनोवेशन के इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की समर्पित टीम पिछले कुछ समय से डॉ श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में कड़ी मेहनत कर रही है, ताकि लागत प्रभावी रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम विकसित किया जा सके। मैं उन्हें इस लॉन्च के लिए बधाई देता हूं। मैं खुद क्लिनिकल ट्रायल में शामिल रहा हूं और नतीजे शानदार रहे हैं।”
एसएसआई मंत्र सर्जिकल रोबोटिक प्रणाली का उपयोग यूरोलॉजी, जनरल सर्जरी, गायनोकोलॉजी, थोरैसिक, कार्डिएक और हेड एंड नेक सर्जरी समेत सभी प्रमुख सर्जिकल विशेषताओं के लिए किया जा सकता है। एसएसआई मंत्र प्रणाली में कोरोनरी बाईपास और वाल्व संचालन के लिए स्वचालित रूप से सक्षम तकनीकों को शामिल किया जाएगा।