ऊना। उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने कहा है कि लोगों को संस्थागत अथवा होम क्वारंटीन में भेजना उनके स्वास्थ्य और जिस क्षेत्र से वे हिमाचल में आ रहे हैं, उस क्षेत्र के रेड, ऑरेंज अथवा ग्रीन जोन में होने पर निर्भर करता है।
उन्होंने बताया कि क्वारंटीन रहने की अवधि 14 दिन की होती है। उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों के रेड जोन से हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करने वालों को अनिवार्य तौर पर संस्थागत क्वारंटीन में रखा जाता है।
उन्हें होम क्वारंटीन में तभी भेजा जाता है यदि उनकी कोविड-19 टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आए।
डीसी ने बताया कि दूसरे राज्यों के ग्रीन व ऑरेंज जोन से आने वाले लोगों का सर्वप्रथम चिकित्सीय परीक्षण किया जाता है। परीक्षण के दौरान यदि किसी व्यक्ति में खांसी, जुकाम, बुखार जैसे लक्षण पाए जाएं तो उन्हें संस्थागत क्वारंटीन में रहना होता है और जिनमें ऐसे कोई लक्षण न पाए जाएं उन्हें होम क्वारंटीन में रहने के निर्देश दिए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के अन्य जिलों से ऊना में प्रवेश करने वालों को संस्थागत या होम क्वारंटीन में नहीं रखा जाता जबकि बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़ क्षेत्रों से आने वाले लोगों को होम क्वारंटीन किया जाता है।
डीसी ने बताया कि चालकों, दैनिक यात्रियों, कृषकों, श्रमिकों, कर्मचारियों जिनमें अन्तर्राज्यीय या अन्तर-जिला आवाजाही के दौरान बॉर्डर पर मेडिकल स्क्रीनिंग करने पर कोई लक्षण न पाए जाएं, तो उन्हें क्वारंटीन करने की आवश्यकता नहीं होती।