करूणा मूलक आधार पर नौकरी की बाट जोह रहे 4500 लोगों की भी सोचे सरकार
हमीरपुर। राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने सरकार से मांग की है कि जूनियर ऑफिस असिस्टेंट में बचे हुए लोगों की नियुक्ति मेरिट के आधार पर की जाए।
राणा ने कहा कि इस वर्ग में 600 के करीब लोगों की नियुक्ति प्रदेश सरकार द्वारा लगाई गई कंडीशन के मुताबिक होने से रह गई हैं क्योंकि नियुक्ति करते वक्त सरकार ने यह कंडीशन लगाई थी कि जो लोग सरकारी संस्थानों से शिक्षित हैं सिर्फ उन्हीं लोगों की नियुक्ति की जाएगी।
इस तरह गैर-सरकारी संस्थानों से शिक्षित लोग नियुक्ति से वंचित रह गए हैं। राणा ने कहा कि यह मामला उन्होंने शीतकालीन विधानसभा धर्मशाला में उस समय उठाया था जब यह लोग अपनी नियुक्ति को लेकर सर्विस सलेक्शन बोर्ड हमीरपुर में धरना दे रहे थे
सरकार ने जब यह पोस्ट एडवर्टाइज की थी तब सरकार ने ऐसी कोई कंडीशन नहीं लगाई थी। जिस कारण से सरकारी व गैर-सरकारी संस्थानों से शिक्षित सभी लोगों ने इस पोस्ट के लिए परीक्षा दी थी लेकिन बाद में नियुक्ति करती दफा सरकार ने यह कंडीशन लगा दी कि जो लोग सरकारी संस्थानों से शिक्षित हैं सिर्फ उन्हें ही मौका दिया जाएगा।
उसके बाद पीडि़त और प्रताडि़त यह वर्ग न्याय की आस में उनसे मिला और उन्होंने विधानसभा में इस वर्ग को न्याय देने की जोरदार पैरवी की थी। राणा ने कहा कि तब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आश्वासन देते हुए कहा कि इन लोगों को न्याय मिलेगा, लेकिन अब सरकार लगातार इस मामले को लटकाती आ रही है।
राणा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से अपील की है कि कोविड संकट के कारण बदहाल हुए इन बेरोजगारों को मेरिट के आधार पर नौकरी देने का फैसला सरकार करे।
सरकार ने तब यह कहा था कि किसी भी संस्थान से शिक्षित इन लोगों को खाली पदों के आधार पर नौकरी दी जाएगी। इसलिए अब सरकार अपने वायदे को निभाते हुए खाली पदों को मेरिट के आधार पर भर कर इन लोगों को नौकरी दे।
राणा ने कहा है कि करूणा मूलक आधार पर नौकरी की आस में बैठे करीब साढ़े चार हजार लोगों को भी सरकार मानवीय आधार पर कोविड संकट की इस बेला में नौकरी देकर उनके प्रति अपनी संवेदनाओं को व्यक्त करे।