हमीरपुर। सत्ता की साजिशें अब यह साबित कर चुकी हैं कि इस देश में बीजेपी राष्ट्रवाद की बजाय पूंजीवाद को स्थापित कर रही है जिसके चलते देश के किसानों को धोखा देकर सरकार ने कृषि के तीन बिल जबरन लागू किए हैं।
यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। हैरानी यह है कि सरकार कह रही है कि यह बिल किसानों के हित में लाए गए हैं, लेकिन किसान इन बिलों के विरोध को लेकर सड़कों पर हैं। खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
ऐसा लग रहा है कि बीजेपी सरकार देश में ईस्ट इंडिया कंपनी की तर्ज पर देश की दो-चार पूूंजीपतियों का राज दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हिंदोस्तान में स्थापित करना चाह रही है।
दुनिया का कोई भी कारोबारी ग्रुप कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रहा है जबकि हिंदोस्तान में बीजेपी की सत्ता से सांठ-गांठ करने वाले दो-चार पूंजीपति देश के संस्थानों को धड़ाधड़ खरीद रहे हैं। जिस तरह से सरकारी संस्थानों की सेल बीजेपी ने जारी रखी है, उससे यह साफ है कि दो-चार कार्पोरेट घरानों के पास देश गिरवी हो जाएगा।
राणा ने कहा कि बर्बाद हो चुकी अर्थव्यवस्था के बीच सत्ता दल का दुरुपयोग करके बीजेपी अब देश को भी पूरी तरह बर्बाद करने पर तुली है। अब भी अगर देश की जनता न जागी तो सत्ता की यह साजिशें इस देश को निगल जाएंगी।
राणा ने कहा कि झील पर पानी बरसता है बीजेपी के राज में और किसान का खेत पानी को तरसता है बीजेपी के राज में। किसानों की भावनाओं के विपरीत कृषि बिल की योजना इसलिए लाई है, ताकि कृषि को अब कॉर्पोरेट के हाथों गिरवी रखकर किसानों को बंधुआ मजदूर बनाया जा सके।