शिमला। प्रदेश के सभी जिलों में 74वां स्वतंत्रता दिवस समारोह उत्साहपूर्वक आयोजित किया गया। ध्वजारोहण के साथ-साथ गृह रक्षा और पुलिस टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत मार्च पास्ट समारोह के मुख्य आकर्षण रहे।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने ज़िला कांगड़ा के धर्मशाला में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा को देश की पहली ई-विधानसभा होने का गौरव प्राप्त हुआ है।
प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों को ई-विधानसभा प्रबन्धन प्रणाली से जोड़ा गया है ताकि विधानसभा के सभी सदस्यों को उनके मोबाइल पर विकासात्मक कार्य की सूचना मिल सके।
इस अवसर पर उन्होंने कोरोना योद्धाओं को भी सम्मानित किया।
जल शक्ति और बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने शिमला में आयोजित समारोह की अध्यक्षता की और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी कुर्बानी दी। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करनेे तथा उन्हें सिंचाई सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के पहले चरण के अंतर्गत 111 परियोजनाओं पर 125 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार नदियों के तटीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए पांवटा साहिब की पब्बर नदी के लिए 90 करोड़ रुपये, यमुना नदी के लिए 250 करोड़, कांगड़ा के नकेर खड्ड के लिए 231 करोड़, सीर खड्ड के लिए 160 करोड़, मण्डी के सक्रेन खड्ड के लिए 145 करोड़ और रेणुका बांध के लिए 6800 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।
शहरी विकास एवं आवास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सोलन में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना और प्रदेश सरकार की हिम केयर तथा मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना समाज के कमजोर वर्गों के लोगों के लिए वरदान सिद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश जल जीवन मिशन के अंतर्गत सराहनीय कार्य कर रहा है।
जिला सोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र एशिया में फार्मा हब के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि देश में स्थापित होने वाले तीन बल्क ड्रग पार्कों में से एक हिमाचल प्रदेश में स्थापित होगा, जिसके लिए बीबीएन क्षेत्र में 1800 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी ने ऊना में जिला स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने विधवाओं और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन को बढ़ाकर एक हजार रुपये प्रतिमाह किया है और प्रदेश के 70 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के 2.85 लाख से अधिक लोगों को 1500 रुपये प्रतिमाह पेंशन प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दृष्टिगत सितम्बर, 2020 तक 5.69 लाख पेंशनधारकों को अग्रिम पेंशन प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि पिछले अढ़ाई वर्षों में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 1,63,607 नए मामलों स्वीकृत किए गए हैं।
सरवीन चौधरी ने कहा कि कोविड संकट के दौरान किसानों की सहायता के लिए एफसीआई ने कांगड़ा तथा जलग्रां में दो खरीद केन्द्र स्थापित किए हैं। जो किसान लाॅकडाउन के दौरान अपनी गेहूं बेचने के लिए पंजाब नहीं जा पा रहे थे उनकी गेहूं की खरीद यहां की गई, जिससे किसानों को बड़ी सुविधा प्राप्त हुई।
जनजातीय विकास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री डाॅ. राम लाल मार्कण्डा ने लाहौल स्पीति जिला के मुख्यालय केलांग में आयोजित समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपने बजट का 9 प्रतिशत जनजातीय क्षेत्रों में विभिन्न विकासात्मक कार्य के लिए आवंटित कर रही है।
उन्होंने कहा कि जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 5.91 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। लोक निर्माण विभाग को 22.04 करोड़ रुपये, शिक्षा के लिए 3.3 करोड़ रुपये, सिंचाई के लिए छः करोड़ रुपये तथा लाहौल उप-मण्डल में पेयजल के लिए चार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने बिलासपुर में आयोजित समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के विकास के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं आरम्भ की हैं।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन की आयु सीमा को बिना किसी आय सीमा के 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष किया गया है, जिससे 70 वर्ष से अधिक की आयु के 2.85 लाख से अधिक लोगों को 1500 रुपये प्रतिमाह पेंशन प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सहारा योजना के अंतर्गत 9078 लाभार्थियों को 5.90 करोड़ की वित्तीय सहायता जबकि हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना के तहत 2.78 महिलाओं को निःशुल्क गैस कनैक्शन प्रदान किए गए हैं। प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बड़े स्तर पर बढ़ावा दे रही है। प्रदेश में अब तक लगभग 59 किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है।
उद्योग और परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ने मण्डी में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण बाहरी राज्यों से वापिस आए युवाओं को रोज़गार प्रदान करने के लिए स्किल रजिस्टर पोर्टल का शुभारम्भ किया है। इस पोर्टल के तहत अब तक 15 हजार युवाओं ने अपना पंजीकरण करवाया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना के अंतर्गत 946 उद्योगों को 44 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इस योजना के अंतर्गत जिला मण्डी में 218 उद्योगों की स्थापना के लिए 45 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने बाहरी राज्यों में फंसे हिमाचलियों को प्रदेश वापिस लाने के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रयासों की सराहना की।
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ राजीव सैजल ने जिला सिरमौर के नाहन में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर डाॅ. सैजल ने कहा कि शीघ्र ही डाॅ वाईएस परमार चिकित्सा महाविद्यालय, नाहन जिले के लोगों को समर्पित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जिले में 206 स्वास्थ्य संस्थान कार्यशील हैं, जिनमें एक चिकित्सा महाविद्यालय, पांच नागरिक अस्पताल, छः सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 44 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और 150 स्वास्थ्य उप-केंद्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जिला में 17 अतिरिक्त स्वास्थ्य संस्थान स्थापित करने के लिए दो करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
डाॅ सैजल ने कहा कि धौलाकुआं में आईआईएम का लोकार्पण किया गया है जिसके लिए पहले चरण में 392 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस संस्थान के खुलने से सिरमौर जिला अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर उभरेगा।
वन मंत्री राकेश पठानिया ने चम्बा में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वर्ष 2030 तक प्रदेश् के वन क्षेत्र को 27.72 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रदेश के चिन्हित 40 उप-मण्डलों में 21 जुलाई, 2020 से वन महोत्सव आयोजित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण प्रदेश में जनमंच आयोजित नहीं किए जा रहे हैं लेकिन प्रदेश सरकार ने जन समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 आरम्भ की है। जुलाई, 2020 से अब तक एक लाख से अधिक लोग इसका लाभ उठा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि हिम केयर योजना के अंतर्गत 5.50 लाख परिवारों का पंजीकरण किया गया है और इस योजना के अंतर्गत लगभग एक लाख मरीजों के ईलाज के लिए 92 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने हमीरपुर में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कोरोना संकट के दौरान जिला के 20,489 लाभार्थियों को निःशुल्क गैस रिफिल प्रदान किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 145 करोड़ रुपये व्यय कर जिले में 135 सड़कों का निर्माण कार्य पूरा किया गया है। जून, 2021 तक जिले के प्रत्येक घर में नल द्वारा पानी उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है।
जिला किन्नौर के रिकांगपिओ में आयोजित जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा ने कहा कि जिले के लिए जनजातीय उप-योजना के अंतर्गत 88.60 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष के लिए जनजातीय उप-योजना के अंतर्गत जिले में सड़क और पुलों के निर्माण के लिए 25.86 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत जिले के लिए 14 सड़क परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं और इन परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है।