शिमला। छात्र अभिभावक मंच हिमाचल प्रदेश ने
निजी स्कूलों द्वारा टयूशन फीस के साथ सभी तरह के चार्जेज़ की वसूली के खिलाफ आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया है।
मंच ने शिक्षा निदेशक को चेताया है कि अगर उन्होंने अगले चार दिन के भीतर सभी तरह के चार्जेज़ की वसूली व वर्ष 2020 में निजी स्कूलों द्वारा बढ़ाई गई फीस पर रोक न लगाई तो 15 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू होगा।
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने उच्चतर शिक्षा निदेशक से मांग की है कि वह 10 नवम्बर व 8 दिसम्बर की छात्र व अभिभावक विरोधी अधिसूचनाओं को तुरन्त रद्द करें व निजी स्कूलों की टयूशन फीस के अतिरिक्त अन्य सभी प्रकार के चार्जेज़ पर रोक लगाने की अधिसूचना जारी करें।
उन्होंने शिक्षा निदेशक को चेताया है कि अगर उन्होंने निजी स्कूलों की वर्ष 2020 की फीस बढ़ोतरी, एनुअल चार्जेज़, कम्प्यूटर फीस, स्मार्ट क्लास रूम, स्पोर्ट्स फंड, मिसलीनियस, केयर व अन्य चार्जेज़ की वसूली पर रोक न लगाई तो आंदोलन तेज होगा।
उन्होंने निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छः लाख छात्रों के दस लाख अभिभावकों सहित कुल सोलह लाख लोगों से निजी स्कूलों की पूर्ण फीस उगाही का पूर्ण बहिष्कार करने की अपील की है।
उन्होंने पूर्ण फीस वसूली के निर्णय को बेहद चौंकाने वाला छात्र व अभिभावक विरोधी निर्णय बताया है।
उन्होंने शिक्षा निदेशक की 8 दिसम्बर की अधिसूचना को निजी स्कूलों की मनमानी को बढ़ाने वाला कदम बताया है।
उन्होंने कहा है कि इस अधिसूचना में स्कूल पीटीए व प्रबंधन को फीसों के संदर्भ में निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया है, जब स्कूल ही नहीं चले व जनरल हाउस का आयोजन नहीं हुआ तो फिर पीटीए कब,कैसे और कहां बन गयी।
यह सब डम्मी पीटीए को मान्यता देने के लिए हो रहा है ताकि उन डम्मी पीटीए के ज़रिए निजी स्कूलों द्वारा सभी तरह के चार्जेज़ को वसूलने के कदम को जायज़ ठहराया जा सके।