शिमला, 13 जून, 2020। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि शिमला जिले के चैपाल क्षेत्र में सड़कों और पुलों के निर्माण पर 102 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा रही है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत विभिन्न सड़कों की मैटलिंग और टारिंग के लिए 80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने यह बात आज शिमला से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चौपाल भाजपा मंडल की वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेरवा और कुपवी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण पर नौ करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। राज्य सरकार, प्रदेश के संतुलित और समान विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
उन क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं जो किसी भी कारण से अब तक उपेक्षित रहे हैं। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र के विकास को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी से निपटना देश और राज्य के सभी राजनीतिक नेतृत्व का एक नया अनुभव है। यह देश के लोगों का सौभाग्य है कि इस परीक्षा की घड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का मार्गदर्शन कर रहे हैं। राष्ट्र ने उनके नेतृत्व में कोरोना महामारी का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया और जल्द ही इस संकट से बाहर निकलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे 1.95 लाख प्रदेशवासियों को घर वापिस लाया, लाखों लोगों को भोजन व आश्रय तथा मास्क प्रदान किए।
क्वारन्टीन केंद्रों के प्रभावी कामकाज को सुनिश्चित किया गया है और इन पर लगभग 13 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस पार्टी ने अपने केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष दावा किया है कि उन्होंने जरूरतमंदों को मास्क और भोजन उपलब्ध कराने पर 12 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने यह राशि कहां खर्च की।
जय राम ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण राज्य की आर्थिकी प्रभावित हुई है। इस वायरस के कारण पर्यटन उद्योग को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
इस क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। राज्य सरकार ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने हेतु सुझाव देने के लिए एक केबिनेट उप समिति और एक टास्क फोर्स का गठन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान फलों के विपणन की पर्याप्त व्यवस्था की है, ताकि किसानों और बागवानों को असुविधा का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि राज्य के सेब उत्पादकों को निश्चित रूप से अपनी उपज की बेहतर कीमत मिलेगी। उन्होंने नेपाली मजदूरों के मुद्दे को केंद्रीय विदेश मंत्री के समक्ष उठाया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण प्रभावित हुआ नई दिल्ली के आजादपुर क्षेत्र में सेब विपणन का वैकल्पिक बाजार उपलब्ध करवाने का मामला भी प्रधानमंत्री के समक्ष रखा गया है।