ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और तीर्थन वन्यजीव अभयारण्य देश में सर्वश्रेष्ठ प्रबंधित संरक्षित क्षेत्रः राकेश पठानिया

Spread with love

शिमला। वन मन्त्री राकेश पठानिया ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और तीर्थन वन्यजीव अभयारण्य को पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ प्रबंधित संरक्षित क्षेत्र के रूप में स्थान दिया गया है।

सैंज वन्यजीव अभयारण्य को भी शीर्ष पांच में स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडे़कर द्वारा 11 जनवरी को नई दिल्ली में भारत में राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के प्रबन्धन प्रभावशाली मूल्यांकन रिपोर्ट जारी की गई।

वन मंत्री ने कहा कि यह बहुत संतोष तथा गर्व की बात है कि देश के पांच सबसे अच्छे प्रबंधित संरक्षित क्षेत्रों में से तीन हिमाचल प्रदेश से संबंधित हैं, जो प्रदेश के वनों और वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता और निरंतर प्रयासों को दर्शाता है।

इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वन्य जीव प्रभाव और पार्क प्रबंधकों तथा फ्रंटलाईन कर्मचारियों को बधाई देेते हुए उन्हें भविष्य में भी कड़ी मेहनत करने और प्रबंधन के उच्च मानकों को बनाए रखने तथा प्रबंधन रणनीतियों व कार्यों को आवश्यकतानुसार अनुकूलित करने का आग्रह किया।

संरक्षित क्षेत्रों के प्रबन्धन प्रभावशाली का मूल्यांकन कई मापदंडों के आधार पर किया जाता है, जिसमें यह परिभाषित किया जाता है कि राष्ट्रीय उद्यान/वन्यजीव अभयारण्य का प्रबंधन किस प्रकार से किया जा रहा है।

राष्ट्रीय स्तर पर 146 राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्यों जिनमें हिमाचल प्रदेश के 13 संरक्षित क्षेत्र शामिल थे, की मूल्यांकन प्रक्रिया भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून तथा स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ताओं की एक टीम के माध्यम से की गई।

अंकों में स्टाफ की स्थिति, वित्तीय संसाधनों के प्रावधान, संरक्षण की सीमा, संरक्षण मूल्यों के प्रति समुदायांे की भागीदारी और जागरूकता सहित विभिन्न मापदंडों का मूल्यांकन किया गया।

राष्ट्रीय औसत 62 प्रतिशत की तुलना में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और तीर्थन वन्यजीव अभयारण्य ने 82.17 प्रतिशत अंक प्राप्त किए, जबकि सैंज वन्य जीव अभयारण्य ने 82.5 प्रतिशत अंक प्राप्त किये।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पांच राष्ट्रीय उद्यान, 28 वन्यजीव अभयारण और तीन संरक्षण आरक्षित क्षेत्र हैं, जिससे प्रदेश का 8391.42 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर होता है, जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 15 प्रतिशत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: