शिमला। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज यहां मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अग्नि सुरक्षा उपायों के संबंध में चर्चा की।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। विशेषकर सदिर्यों के मौसम में ऐसी घटनाएं अधिक होती हैं जिसको देखते हुए अधिक प्रभावशाली कदम उठाए जाने चाहिए।
मंत्री ने सुझाव दिया कि अग्निशमन संयंत्र उपलब्ध करवाने के साथ प्रत्येक पंचायत में वर्षा जल भण्डारण टैंक निमिर्त किए जाने चाहिए।
उन्होंने शिमला के ग्रामीण क्षेत्रों जहां आगजनी की घटना में कई मकान जल गए थे, के अपने दौरोें के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए कहा कि इन स्थानों में आग लगने का प्रमुख कारण अग्निशमन केन्द्र का दूर होना रहा जिसके कारण आग बुझाने के कार्य में विलम्ब हुआ।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में लकड़ी से बने मकानों में आग लगने की अधिक संभावनाओं को देखेते हुए प्रत्येक पंचायत में वर्षा जल भंडारण की सुविधा आवश्यक है ताकि फायर टेंडर फिर से टैंक भर सकें।
प्रायः देखा गया है कि आग लगने की स्थिति में फायर टेंडर को रिफिलिंग के लिए पानी का स्रोत नहीं मिलता है।
उन्होंने कहा कि अगर सभी पंचायतों में आग बुझाने के उपकरण उपलब्ध कराए जाएं, तो लोग स्वयं समय पर अग्निशमन अभियान शुरू कर सकते हैं। शुरूआत में ही आग पर नियंत्रण पाने से जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि कई मामलों में लोग आग बुझाने का कार्य शुरू नहीं कर सके क्योंकि न तो पयार्प्त पानी था और न ही कोई अन्य उपकरण और उन्हें फायर टेंडर के लिए इंतजार करना पड़ा।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने हाल ही में शिमला जिले के रोहड़ू के बागी गाँव का दौरा किया, जहाँ गाँव में भीषण आग लगने के कारण 16 परिवारों को नुकसान उठाना पड़ा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में आग लगने की घटनाओं से जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और मंत्री द्वारा दिए गए सुझावों पर प्राथमिकता के आधार पर विचार किया जाएगा।