धर्मशाला। 72वें गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर कांगड़ा जिले के धर्मशाला में ज़िला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा पुलिस, होमगार्ड और विभिन्न स्कूलों के एनसीसी, स्काऊटस व गाईडस एवं एनएसएस के विद्यार्थियों की टुकड़ियों द्वारा निकाले गए आकर्षक मार्च पास्ट की सलामी ली। इसके पश्चात, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में विपिन सिंह परमार ने संविधान निर्माताओं के साथ-साथ देश की आजादी एवं गणतंत्र की स्थापना में स्वतंत्रता सेनानियों के बहुमूल्य योगदान, निस्वार्थ त्याग और बलिदान को याद किया। उन्होंने बहुमूल्य सेवाओं के लिए भारतीय सेनाओं के जवानों का भी आभार जताया।
उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि देश की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखने के लिए सेना में कांगड़ा जिला के वीर जवानों अमर शहीद मेजर सोमनाथ, कैप्टन विक्रम बतरा, मेजर सुधीर वालिया, कैप्टन सौरभ कालिया, और ब्रिगेडियर शेरजंग थापा जैसे वीरों के बलिदान की एक लंबी फेहरिस्त है जिसे देश कभी नहीं भुला सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि धर्मशाला में भव्य युद्व संग्रहालय विकसित किया जा रहा है इसमें सेना के युद्वों और संघर्षों की शिक्षा एवं देशभक्ति को बढ़ावा देने के लिए ऐतिहासिक महत्व की चीजों के संग्रह, संरक्षण और सैन्य साजोसमान की झलक भी मिलेगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधान सभा को देश में पहली ई-विधान सभा होने का गौरव प्राप्त हुआ है। प्रदेश की सभी 68 विधान सभा क्षेत्रों को ई-विधानसभा प्रबंधन प्रणाली से जोड़कर इसे प्रभावशाली ढंग से लागू किया जा रहा है, जिससे विधायक अपने विधान सभा क्षेत्रों में विकास कार्यों एवं अन्य गतिविधियों की जानकारी मोबाईल फोन पर उपलब्ध हो सकें।
उन्होंने कहा कि मोबाईल ऐप के माध्यम से विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्याओं, मांगों और चल रहे सभी विकास कार्यों की सचित्र जानकारी के लिए उपलब्ध रहेंगी। इससे विकास कार्यों में तेजी आने के साथ पारर्शिता भी बनी रहेगी।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के कार्य का डिजिटलीकरण कर दिया गया है और विधानसभा के कार्यों को कागज रहित बनाने की दिशा में सफलता प्राप्त हुई है। हिमाचल प्रदेश विधान सभा ई-विधान प्रणाली को सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने वाली भारत की प्रथम उच्च-तकनीक युक्त कागज विधान सभा है।
हिमाचल प्रदेश विधान सभा द्वारा उठाए गए कदमों से यह स्पष्ट है कि ई-विधान के कार्यान्वयन को जहां हम बहुत पहले ही कार्यरूप दे चुके हैं वहीं हमारे मॉडल का अन्य विधान मंडलों के लिए भी अनुकरणीय रहा है।