कोविड-19 के नियंत्रण एवं राज्य के विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार उठा रही प्रभावी कदमः सरवीण चौधरी

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हमीरपुर। शहरी विकास, नगर नियोजन एवं आवासीय मंत्री श्रीमती सरवीण चौधरी ने यहां हमीर भवन में जिला प्रशासन तथा विभिन्न विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर कोरोना संकट के समय विकासात्मक एवं आर्थिक गतिविधियों को गति देने के उपायों पर चर्चा की और कोरोना महामारी के नियंत्रण को लेकर जिला में किए गए प्रबंधों की समीक्षा भी की।

उन्होंने कहा कि हिमाचल में विकास कार्य निरंतर जारी रहेंगे और मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार इस ओर विशेष ध्यान दे रही है। सरकार द्वारा इस वैश्विक महामारी के नियंत्रण के साथ-साथ प्रदेश की आर्थिकी सुधारने के लिए समय-समय पर प्रभावी कदम उठाए गए हैं।

इस बैठक का उद्देश्य विभागों में वर्ष 2001 से लेकर वर्ष 2020 तक किन्हीं कारणों से बिना व्यय की गई निधि का ब्यौरा एकत्र कर सरकार के समक्ष प्रस्तुत करना है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की पहल पर यह निर्णय लिया गया है और विभिन्न मदों में ऐसी अव्ययित धनराशि को उन्हीं क्षेत्रों में किन्हीं दूसरे कार्यों के ऊपर व्यय किया जाएगा। उन्होंने विभागों से यह निधि व्यय न कर पाने के कारण भी पूछे और इसका सम्पूर्ण ब्यौरा उपायुक्त के माध्यम से प्रेषित करने के निर्देश दिए, ताकि इनका अन्यंत्र कार्यों में समुचित उपयोग कर विकास को गति प्रदान की जा सके।

उन्होंने हमीरपुर जिला में मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न विकास योजनाओं के दृष्टिगत की गई घोषणाओं एवं शिलान्यासों के उपरांत इन पर हुए कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन सभी को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करें, ताकि आम जनता को इनका त्वरित लाभ प्राप्त हो सके।

बैठक के उपरांत एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सरवीण चौधरी ने कहा कि हमीरपुर जिला में लगभग 150 करोड़ रुपए की निधि विभिन्न कारणों से अव्ययित पड़ी है और इसका समग्र ब्यौरा एकत्र कर इस राशि के समुचित उपयोग की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

कोविड-19 संकट के दौरान पूर्णबंदी के कारण स्थगित हुए विकास कार्यों को गति प्रदान करने में भी इससे मदद मिलेगी। कोरोना संकट में प्रदेश सरकार के विभिन्न खर्चों में कटौती की है और समाज के प्रत्येक वर्ग से भी इस विपदा से निपटने में हर संभव मदद मिल रही है।

प्रदेश सरकार ने इस विपदा में लोगों को राहत प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए हैं। जरूरतमंद लोगों को राशन व भोजन आदि प्रदान करने के लिए 95 फूड हेल्पलाईन आरम्भ की गई, जिसमें 90 हजार से अधिक कॉल्स प्राप्त हुई।

जरूरतमंदों को 11.95 लाख भोजन के पैकेट बांटे गए। दूसरे राज्यों के प्रदेश में फंसे लगभग 20 हजार प्रवासी मजदूरों व अन्य लोगों की शिकायतों का निवारण किया गया। फल-सब्जी, दवाईयों व राशन जैसी जरूरी वस्तुओं की होम डिलीवरी के लिए 1750 दुकानें पंजीकृत की गई और इनके माध्यम से 16.76 लाख लोगों को आवश्यक वस्तुएं घर तक पहुंचाई गई। इस दौरान 60,175 जरूरतमंद लोगों को आवश्यक दवाओं की होम डिलीवरी की गई।

प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत 5.90 लाख पात्र महिलाओं के खातों में अप्रैल, मई व जून माह में प्रति महिला पांच-पांच सौ रुपए हस्तांतरित किए गए। इसके अतिरिक्त 5.69 लाख लाभार्थियों को तीन माह की सामाजिक सुरक्षा पेंशन अग्रिम प्रदान की गई जिस पर 217.85 करोड़ रुपए व्यय किए गए।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत प्रदेश के 8.74 लाख किसानों के खातों में दो हजार रुपए प्रति लाभार्थी जमा किए गए जिस पर 175 करोड़ रुपए व्यय हुए। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत सभी मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारियों व स्वास्थ्य कर्मियों को 50 लाख रुपए का बीमा कवर प्रदान किया गया।

प्रदेश में कोविड-19 के दौरान विभिन्न क्षमता में कार्य कर रहे गैर स्वास्थ्य व गैर-सफाई फ्रंटलाईन कर्मियों को 50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि का प्रावधान किया गया। यह राशि सेवाकाल के दौरान मृत्यु की स्थिति में दी जाने वाली अनुग्रह राशि के अतिरिक्त है।

कोरोना महामारी से लड़ने में सक्रिय भूमिका निभाने के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को मार्च से जून, 2020 तक चार माह के लिए एक हजार रुपए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदान की। आंगनबाड़ी व सफाई कर्मचारियों को भी प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।

बाहरी राज्यों में फंसे लगभग पौने दो लाख लोगों की सकुशल घर वापस लाया गया। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान मीडिया की सकारात्मक भूमिका की भी सराहना की।

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