हमीरपुर। बदइंतजामी को लेकर जहां एक ओर कोविड सेंटरों में कोरोना पॉजीटिव मरीज लापरवाहियों का शिकार होकर काल का ग्रास बन रहे हैं, वहीं अब क्वारंटाइन सेंटरों की बदइंतजामी की बदसूरत तस्वीर सामने आई है।
यह बदइंतजामी की दागदार तस्वीर मंडी जिला की कटीणी पंचायत में क्वारंटाइन में रखी गई 45 वर्षीय महिला की मौत के बाद उजागर हुई है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है।
राणा ने कहा कि करोड़ों की रिलीफ के बावजूद जहां कोविड सेंटरों में उपचार को लेकर लापरवाहियों व खामीयों के लगातार खुलासे हो रहे हैं, वहीं क्वारंटाइन सेंटरों में रखे गए लोगों को सरकार खाना तक नहीं दे पा रही है।
ऐसे में रिलीफ के नाम पर इक्ट्ठा हुआ करोड़ों का बजट कहां स्वाहा हो रहा है, इसको लेकर अब जनता में निरंतर सवाल उठने लगे हैं। राणा ने अपने विधानसभा क्षेत्र में 18 मई को पीएचसी व सिविल अस्पतालों का औचक निरीक्षण भी किया।
उन्होंने कहा कि पटलांदर, चौरी, कोट व ऊहल पीएचसी के साथ सिविल अस्पताल टौणीदेवी के प्रबंधों का जायजा लेने के बाद वह इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि महामारी के दौरान अस्पतालों में अनेक मूलभूत उपचार सुविधाओं के टोटे से निरंतर मेडिकल व पैरा मेडिकल स्टाफ जूझ रहा है।
गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का इलाज तो अब कोरोना के बहाने पूरी तरह नजर अंदाज हो चुका है। राणा ने कहा कि उन्हें मिली फीडबैक में लोगों ने बताया कि कैंसर, किडनी व दिल की घातक बीमारियों से पीडि़त मरीजों को इस समय कोई उपचार ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में नहीं मिल पा रहा है, जिससे इन लोगों के परिवार संकट के इस दौर में खुद को लाचार व बेबस पा रहे हैं।
इसी बीच राणा ने सुजानपुर के पटलांदर व लोहखर के क्वारंटाइन सेंटरों के प्रबंधों का भी जायजा लिया। राणा ने कहा कि प्रदेश भर के क्वारंटाइन सेंटरों से मिली फीडबैक के आधार पर यह साबित हो गया है कि प्रबंधों की बदइंतजामी के शिकार हो रहे हैं, क्वारंटाइन सेंटरों में लोगों को खाना तक नहीं मिल पा रहा है।