कोविड ई-पास एन्ट्री रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर सही जानकारी और दस्तावेज दर्ज करें लोग, जिला में लम्बित पंजीकरण आवेदनों की संख्या अन्य जिलों की तुलना में कम: उपायुक्त

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शिमला। उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने यहां जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल पर जिला प्रशासन द्वारा सही जानकारी अंकित होने के उपरांत ही कोविड ई-पास एन्ट्री रजिस्ट्रेशन पोर्टल के माध्यम से सत्यापन के उपरांत ही आवेदक को अनुमति प्रदान की जाती है।

इसका मुख्य कारण है कि बाहर से आने वाले का सही पता प्राप्त हो पाए, जिससे काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग में भी सहुलियत होती है ।

उन्होंने कहा कि जिला में कोविड-19 से संक्रमित मामलों की संख्या अन्य जिलों की तुलना में कम आंकी गई है। कुछ समाचार पत्रों व सोशल मीडिया पर ई-पास न जारी किए जाने के बारे में प्रचारित किये जा रहे तथ्य आधारहीन तथा वास्तविकतापूर्ण नहीं है तथा जिला में लम्बित पंजीकरण आवेदनों की संख्या अन्य जिलों की तुलना में कम है ।

उन्होंने बताया कि राजधानी होने के कारण शिमला में लोगों का आना-जाना अन्य जिलों की अपेक्षा अधिक रहता है, जिस कारण पास बनाने की संख्या में भी बढ़ौतरी देखी गई है। उन्होंने बताया कि आवेदकों द्वारा पोर्टल के तहत मांगी गई जानकारी व दस्तावेजों का सही रूप से भरण न करना तथा विवरण का अभाव होने के कारण ही पोर्टल के माध्यम से इन्हें रदद् किए जाता है।

उन्होंने कहा कि ई-पास स्वीकार करने हेतु ड्यूटी पर लगाए गए कर्मचारी व अधिकारी आवेदकों को मार्गदर्शन भी करते हैं ताकि आवेदकों द्वारा पोर्टल में सही जानकारी व तथ्य अंकित किए जा सके।

उन्होंने कहा कि जिला शिमला सेब बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण बगीचों में काम करने के लिए श्रमिकों की आमद भी अन्य जिलों की अपेक्षा अधिक है। श्रमिकों को लाने के लिए बागवानों व ठेकेदारों को सम्बधित क्षेत्र के उपमण्डलाधिकारी के पास आवेदन करने की निर्देश जारी किए है जबकि अधिकांश बागवान अथवा ठेकेदारों द्वारा उपायुक्त कार्यालय के पोर्टल पर आवेदन भेजा जा रहा है जो कि आवेदन रदद् होने का बड़ा कारण है।

उन्होंने आवेदकों से आग्रह किया कि पोर्टल में मांगी गई जानकारी जिसके तहत पता व अन्य जानकारियां एवं दस्तावेज सही रूप से दर्ज करें ताकि समय की बचत के साथ-साथ पास जारी करने की कार्यवाही को भी त्वरित किया जा सके।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा यहां आने वाले पर्यटकों के लिए कुछ बदलाव किए हैं जिसके तहत पर्यटकों को शिमला प्रवेश करने से 96 घंटे पूर्व की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट दर्ज करवानी मान्य होगी। 10 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट आवश्यक नहीं है।

पहले पर्यटक पांच दिन के लिए आते थे किंतु अब दो दिन के लिए भी बतौर पर्यटक भी पंजीकरण करवाया जा सकता है। जिला में आने वाले निजी व सरकारी ट्रांसपोर्ट के ड्राईवर जो किसी को बाहर से जिला में लेकर आ रहे हैं, उनको क्वाॅरेंटाइन में नहीं रखा जाएगा।

उन्होंने बताया कि अब सरकार द्वारा कोविड-19 संक्रमित पाए गए व्यक्तियों को होम आईसोलेशन में रखने के बारे में भी निर्णय लिया गया है यदि सम्बन्धित की उम्र 55 वर्ष से कम हो, वह किसी अन्य बिमारी से ग्रसित नहीं है और उस के घर पर अलग शौचालय सहित रहने की उचित व्यवस्था व उसकी देखभाल हेतु केयर टेकर उपलब्ध है ।

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