कोरोना महामारी के दौर में औषधीय पौधों व जड़ी-बूटियों की बढ़ी मांग

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जोगिन्दर नगर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के इस संकट भरे दौर में औषधीय पौधों व जड़ी बूटियों की मांग में एकाएक बढ़ौतरी देखने को मिल रही है। विभिन्न औषधीय पौधे व जड़ी बूटियां न केवल शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है बल्कि कई बीमारियों में राम बाण का काम भी करती हैं।

इसी बढ़ती मांग को देखते हुए औषधीय व सुगंधित पौधों की गुणवत्तायुक्त रोपण सामग्री को लेकर राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के उत्तर भारत के क्षेत्रीय कार्यालय जोगिन्दर नगर में एक विवरणिका तैयार की जा रही है, जिसमें विभिन्न औषधीय पौधों की उत्पादकता व आपूर्ति से जुड़े किसान, समूह, संगठन, संस्थान, नर्सरी इत्यादि अपनी जानकारी को साझा कर सकते हैं।

इस सूची में विभिन्न औषधीय पौधों व जड़ी बूटियों से जुड़ी विस्तृत जानकारी रहेगी जिसका न केवल किसानों व उत्पादकों बल्कि खरीददारों को भी सीधा लाभ प्राप्त होगा।

इस बारे जानकारी देते हुए राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र उत्तर भारत स्थित जोगिन्दर नगर डॉ अरूण चंदन ने बताया कि आगामी बरसात मौसम को ध्यान में रखते हुए विभिन्न औषधीय पौधों एवं जड़ी बूटियों को लेकर यह विवरणिका तैयार की जा रही है ताकि जरूरत अनुसार गुणवत्तायुक्त रोपण सामग्री को उपलब्ध करवाया जा सके।

उन्होंने बताया कि देश के कई राज्यों जैसे उत्तराखंड इत्यादि में औषधीय पौधों व जड़ी बूटियों की डिमांड में एकाएक वृद्धि देखने को मिली है। जिसमेें गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा, मुलेठी, शताबरी इत्यादि शामिल हैं।

इसी को ध्यान में रखते हुए औषधीय पौधों व जड़ी-बूटियों के क्षेत्र में काम कर रहे किसान, नर्सरी, संगठन, समूह, संस्थान व अन्य उत्पादक संपर्क कर अपनी जानकारी को साझा कर सकते हैं।

इसके अलावा जिन लोगों को विभिन्न औषधीय पौधों की आवश्यकता है वे भी इस कार्यालय से संपर्क स्थापित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त इस संबंध में किसी के पास कोई सुझाव, प्रस्ताव या अन्य प्रश्न हो तो ऐसे लोग भी उनसे संपर्क कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के कारण जिन किसानों ने जंगलों से विभिन्न जड़ी बूटियों को एकत्रित किया है लेकिन परिवहन सुविधा न होने के कारण इन्हे आगे सप्लाई नहीं कर सके हैं तो ऐसे किसान, समूह इत्यादि भी उनसे संपर्क कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आयुष के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा पैकेज घोषित किया है जिससे आने वाले समय में औषधीय पौधों व जड़ी-बूटियों के क्षेत्र में स्वरोजगार के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

डॉ अरूण चंदन ने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते पूरे देश में आजादी के बाद एक बहुत बड़ा पलायन हुआ है तथा बड़ी तादाद में लोग ग्रामीण क्षेत्रों की ओर मुड़े हैं।

ऐसी परिस्थिति में जो लोग वन आधारित अर्थव्यवस्था से जुडक़र अपनी आर्थिकी को बल देना चाहते हैं, ऐसे किसानों व लोगों के लिए यह एक बेहतरीन अवसर साबित हो सकता है।

उन्होंने बताया कि मुख्य मंत्री स्टॉर्टअप स्कीम के माध्यम से औषधीय व जड़ी बूटियों के क्षेत्र में भी प्रदेश सरकार स्टॉर्टअप की सुविधा प्रदान कर रही है।

उन्होंने औषधीय व जड़ी बूटियों के क्षेत्र में स्वरोजगार शुरू करने वाले लोगों विशेषकर युवाओं से आहवान किया है कि वे आयुष क्षेत्र में सरकार द्वारा शुरू की गई पहल का अधिक से अधिक संख्या में लाभ उठाएं तथा इस क्षेत्र से जुूडऩे के लिए आगे आ सकते हैं।

इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए क्षेत्रीय निदेशक क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र उत्तर भारत स्थित जोगिन्दर नगर के ई-मेल rcfcnorth@gmail.com और

arun.chandan@gov.in पर संपर्क कर सकते हैं।

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