शिमला। हिमाचल प्रदेश राजीव गांधी पंचायती राज संगठन किसान बचाओ-पंचायती राज मजबूत बनाओ का नारा देकर शुरु की गई पदयात्रा के माध्यम से केंद्र और प्रदेश सरकार को घेरने में लगी है।
संगठन के मीडिया प्रभारी अनिल गोयल ने बताया कि पदयात्रा को लेकर प्रदेशवासियों को पूरा सहयोग मिल रहा है और जहां-जहां से संगठन के पदाधिकारी पैदल यात्रा करते हुए धर्मशाला की तरफ बढ़ रहे हैं, वहां- वहां लोग उनका स्वागत कर रहे है।
उन्होंने कहा कि 12 दिवसीय पदयात्रा के तहत चौथे दिन बिलासपुर से होते हुए पदयात्रा सुदंरगनर पहुंची। उन्होंने कहा कि पदयात्रा का समापन 8 जनवरी को धर्मशाला में होगा।
उन्होंने सर्मथन के लिए लोगों का आभार भी व्यक्त किया है। गोयल ने बताया कि संगठन के प्रदेश समन्वयक दीपक राठौर के नेतृत्व में पदयात्रा शुरु की गई है।
दीपक राठौर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार अध्यादेश के जरिए किसान विरोधी काले कानून लाई है। इसका राजीव गांधी पंचायती राज संगठन विरोध करता है।
राठौर ने कहा कि संबंधित कृषि कानूनों से किसानों और बागवानों का अहित होगा। यही कारण है कि देशभर में किसान कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले 1 महीने से देश के किसान दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं लेकिन केंद्र की मोदी सरकार किसानों की मांगों को मानने को तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने चंद चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों के लिए तीन कृषि बिल लाई है। दीपक राठौर ने कहा कि किसान बचाओ-पंचायती राज मजबूत बनाओं का नारा देते हुए राजीव गांधी पंचायती राज संगठन ने किसानों के समर्थन में शिमला से पदयात्रा शुरू की थी, जो आज चौथे दिन में प्रवेश कर गई है।
विभाग के मीडिया प्रभारी अनिल गोयल ने बताया कि पदयात्रा के माध्यम से हिमाचल में संविधान के 73वें और 74वें संशोधन को लागू करवाने के लिए जनता से जनमत की मांग की जाएगी ताकि पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत किया जा सके।
उन्होंने बताया कि शिमला से धर्मशाला तक करीब 250 किलोमीटर की आयोजित होने वाली पदयात्रा के दौरान छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाओं के द्वारा भी लोगो को उक्त विषयों के बारे जागरुक किया जाएगा।
यहां-यहां से निकलेगी पदयात्रा
पदयात्रा 1 जनवरी को सलापड़ से नेरचौक पहुंचेगी। 2 दिसम्बर को नेरचौक से पद्दर, 3 को पद्दर से जोगिंद्रनगर, 4 को जोगिंद्रनगर से बैजनाथ, 5 को बैजनाथ से पालमपुर, 6 को पालमपुर से नगरोटा, 7 को नगरोटा से कांगड़ा और 8 दिसम्बर को कांगड़ा से होते हुए धर्मशाला के लिए पदयात्रा का आयोजन किया जाएगा।