कोविड काल में सेवाएं दे रहे एचआरटीसी के कर्मचारियों को समय पर वेतन दे सरकार
हमीरपुर, 11 जून, 2020। कोविड संकट में फंसे सरकारी कर्मचारी अब आर्थिक संकट से भी जूझने लगे हैं, क्योंकि अब उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है।
कोविड फ्रंट मोर्चे पर सेवाएं दे रहे लाखों कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने की बजाय सरकार उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित करने लगी है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रेस बयान में कही है।
उन्होंने कहा कि कोविड संकट पर केंद्र से निरंतर उदार सहायता मिलने की घोषणा के बावजूद सरकार कर्मचारियों को आर्थिक संकट से निजात दिलाने में लगातार नाकाम रही है।
लॉकडाउन के दौरान आपात सेवाएं देने वालों से पहले तो प्रदेश सरकार ने बिना पूछे उनका वेतन काटना शुरू कर दिया और अब परिवहन निगम में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों की मानें तो हफ्तों बीत जाने के बाद भी उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है, जिस कारण से उन्हें अपना घर परिवार चलाना मुश्किल होता जा रहा है।
समय पर वेतन न मिलने के कारण आपात सेवाएं देने वाले कर्मचारी व कामगार इस स्थिति में अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
राणा ने कहा कि लॉकडाउन के बाद हिमाचल परिवहन निगम के कर्मचारियों की सुनें तो लॉकडाउन के बाद वह सरकारी आदेश मिलते ही काम पर पहुंच चुके हैं, लेकिन उन्हें समय पर वेतन न मिलने से निराशा हाथ लग रही है।
मई महीने का वेतन 10 जून तक भी कर्मचारियों को नहीं मिल पाया है, यही हाल निगम से सेवानिवृत्त पैंशनरों का भी है। उन्हें पैंशन न मिलने के कारण यह वर्ग भी निराशा के माहौल में है। राणा ने कहा कि कर्मचारियों ने बताया कि सरकार के समक्ष वेतन समय पर देने की मांग रखी गई है।
उन्होंने कहा कि इस वक्त रेगुलर कर्मचारियों सहित अनुबंध के आधार पर भर्ती कर्मचारियों को मिला दिया जाए तो करीब 15 हजार कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जिनमें से चालक व परिचालक लॉकडाउन के दौरान अपनी सेवाएं लगातार देते रहे हैं, लेकिन अब उन्हें अपने ही वेतन के लाले पड़े हुए हैं।
राणा ने सरकार से आग्रह किया है कि कोविड काल में सेवाएं दे रहे इन कर्मचारियों का वेतन शीघ्र जारी किया जाए।
उन्होंने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि आपात स्थिति में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों व अधिकारियों को सरकार इस आपदा में प्रोत्साहित करती, लेकिन उल्टा हो यह रहा है कि इस वर्ग को समय पर वेतन न देकर प्रताड़ित किया जा रहा है।