शिमला। भारत के सबसे बडे पत्रकार संगठन नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्टस इंडिया की हिमाचल इकाई ने संगठन का राज्य स्तरीय स्थापना दिवस बददी में आयोजित किया जिसमें पूरे प्रदेश से सौ के लगभग पत्रकारों ने शिरकत की।
कार्यक्रम में गौसंर्धन बोर्ड हिमाचल सरकार के उपाध्यक्ष अशोकर शर्मा ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर पर हिमाचल ड्रग मैनुफेकचरिंग एसोसिएशन के चेयरमैन सतीश सिंगला व लघु उद्योग भारती के प्रदेशाध्यक्ष राजीव कसंल ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश यूनियन आफ जर्नलिस्टस के प्रदेशाध्यक्ष रणेश राणा ने की।
कार्यक्रम में पूरे हिमाचल से अलग अलग श्रेणियों में बेहतर व विकासात्मक पत्रकारिता करने वाले प्रिंट, इलैक्ट्रानिक्स व डिजीटल मीडीया के पत्रकारों को राज्य स्तरीय हिमाचल गौरव अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। बैठक में हिमाचल के पत्रकारों की मांगों पर विस्तार से मंथन हुआ वहीं सदस्यता अभियान को और ज्यादा तेज करने का निर्णय लिया गया।
सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ कि इस बार के बजट में पत्रकारों की मांगों को प्रमुखता मिले इसलिए एक ज्ञापन राष्ट्रीय सचिव सीमा शर्मा के माध्यम से सीएम को शिमला में दिया जाएगा। राष्ट्रीय सचिव सीमा मोहन ने कहा कि हिमाचल इकाई देश के अन्य राज्यों के मीडीया में तुलना में श्रेष्ठ कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि कोविड काल में भी एनयूजे संगठन ने राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर आर्थिक पैकेज, कोरोना योद्धा घोषित करने, नेशनल रजिस्टर फार जर्नलिस्ट जैसे पत्रकार हित्तों से जुडे मुददों को उठाया। हिमाचल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी की मौजूदगी और राज्य अध्यक्ष रणेश राणा के नेतृत्व में प्रदेश के हमीरपुर जिला में पत्रकार दिवस के मौके पर धरना प्रदर्शन किया गया था।
वहां उठाई गई मांगों को केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी समर्थन किया है और मामले पर सीएम जयराम ठाकुर को पत्र लिखा है, जिसकी एनयूजे सराहना करता है।
प्रदेश अध्यक्ष रणेश राणा ने पंचायत चुनाव और मतगणना के दौरान मान्यता और गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों के बीच भेदभाव करने पर गहरा रोष व्यक्त किया क्योंकि गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को कवरेज करने से रोकना सही नहीं है।
इस मुददे पर एनयूजे मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि पत्रकार कल्याण बोर्ड के गठन, हरियाणा की तर्ज पर पेंशन और पत्रकारों से जुडी अन्य मांगे जो एनयूजे की तरफ से ज्ञापन सौंप कर अवगत करवाई गई है। उनके लिए आगामी वित्तीय वर्ष में बजट का प्रावधान करें केवल कोरेआश्वासन न दें।
उन्होंने कहा कि अन्य पडोसी राज्यों की तर्ज पर सरकार पत्रकारों को सुविधाएं व साधन मुहैया करवाएं। पत्रकारों से सौतेला व्यवहार ठीक नहीं है। गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा कि पत्रकार केवल पत्रकारिता नहीं करते बल्कि समाज सेवा के रूप में भी पूर्ण योगदान देते हैं।