इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ शिमला का छठा संस्करण सम्पन्न

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शिमला। इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ शिमला के छठे संस्करण के दूसरे दिन अन्तराष्ट्रीय वर्ग में रूस, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस की फिल्मों के अलावा राष्ट्रीय वर्ग में महाराष्ट्र की कुल छः फिल्मों की लाइव स्ट्रीमिंग फेस्टिवल और हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी के ऑफिसियल फेसबुक पेज की गयी।

ऑस्ट्रेलिया के निर्देशक शेन मैकलैलन की फिल्म ‘मेड लाइक ए गन ‘ के साथ स्क्रीनिंग शुरू हुई। इस बार फिल्म फेस्टिवल में जिन फिल्मकार की फिल्म स्क्रीन हुई उन्होंने अपनी फिल्म के बारे में अपने ही देश से और प्रदेश से लाइव वीडियो के माध्यम से ब्रीफिंग दी।

फेस्टिवल डायरेक्टर पुष्पराज ठाकुर ने पुरस्कृत फिल्मों के निर्देशकों को बधाई दी और कहा कि हर बार फिल्म फेस्टिवल में फिल्मों की संख्या बढ़ती ही जा रही है और इस बार तो रिकॉर्ड फिल्म सबमिशन हुई है।

दुनिया भर की बेहतरीन फिल्मों में से सर्वश्रेष्ठ फिल्मों का चयन करना ज्यूरी के लिए चुनौतीपूर्ण था। भाषा , कला एवं संस्कृति विभाग के सचिव डॉ कर्म सिंह आर्य ने कहा कि अकादमी फिल्मों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ शिमला के साथ अकादमी की एसोसिएशन होने से हमारी प्रतिवद्धता झलकती है और हिमाचल की संस्कृति और फिल्मों के विकास के लिए अकादमी भविष्य में भी हर संभव प्रयास करेगी।

पैनल परिचर्चा में फिल्म्स डिवीज़न के पूर्व डायरेक्टर कैमरामैन अमृतपाल सिंह ने कहा कि वर्तमान में तकनीक ने फिल्म बनाना आसान बना है किन्तु विषय वास्तु भी प्रभावित करने वाली होने चाहिए। इस बात को फिल्मकार को ध्यान में रखना चाहिए।

सिंजर फिल्म के लिए नेशनल अवार्ड से सम्मानित केरल से सम्बद्ध रखने वाले निर्देशक पंपली ने कहा कि मलयाली सिनेमा में फिल्मकार अपने विषय और उसके रचनात्मक चित्रण पर वर्षो तक गंभीरता से काम करते हैं तभी मलयाली सिनेमा आज विश्व में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुआ है।

कश्मीर के फिल्मकार गुल रिआज़ ने कहा की कश्मीर में फिल्म निर्माण फिल्मकारों के द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर आगे बढ़ रहा है। छपरा बिहार के फिल्मकार अभिषेक अरुण ने कहा की वर्चुअल माध्यम से शिमला फिल्म फेस्टिवल के आयोजन में जहाँ निरंतरता बानी हुई है वहीँ इस बार हम ऐतिहासिक गेएटी थिएटर को भी याद कर रहे हैं।

नेपाल से सम्बंध रखने वाले और नेपाल भूकंप पर फिल्म के निर्देशक गणेश पांडेय ने कहा कि फिल्म फेस्टिवल के देशों के बीच सेतु का काम करता है जो सांस्कृतिक आदान प्रदान के साथ साथ परिचर्चा के लिए भी मंच प्रदान करता है। पैनल परिचर्चा के बाद पांच अन्य फिल्मों की लाइव स्ट्रीमिंग हुई।

अंतराष्ट्रीय वर्ग में अमरीका के निर्देशक देव पिन्न की सीरिया युद्ध में बच्चों की दुर्दशा पर आधारित अरबी भाषा में बनी फिल्म ‘आई एम् गोंना टेल गॉड एवरीथिंग सर्वश्रेष्ठ रही। फीचर फिल्म वर्ग में फ्रांस के निर्देशक पेरी आंद्रे ली लेऊच की फ्रेंच फिल्म ‘सांग ऑफ़ द सी’ और ऑस्ट्रेलिया के शैन मक्लान की ‘मेड लाइक ए गन सर्वश्रेष्ठ डाक्यूमेंट्री रही।

ताइवान के निर्देशक ली-वाई सु की एनीमेशन फिल्म ‘द बौंडरीलेस नाईट’ और रशियन फेडरेशन के इगोर बाबीचेव का रशियन म्यूजिक वीडियो ‘एलेक्ट्रोमोनेटर सर्वश्रष्ठ रहा।

राष्ट्रीय वर्ग में मौर्या शर्मा की शार्ट फिल्म ‘ अनबाइनडिंग’, केरल के निर्देशक रिआज़ और प्रवीण की मलयाली फीचर फिल्म ‘पुल्लू सर्वश्रेष्ठ फिल्म घोषित हुई।

मुंबई की सुशील जंगीरा की डाक्यूमेंट्री फिल्म ‘ फीड और ब्लीड इंडिया, एनीमेशन फिल्म ‘ ब्लाइंड फेथ’, कर्नाटक के निर्देशक के. श्रीकांत का म्यूजिक वीडियो ‘कलर्स ग्रीन ‘ सर्वश्रेष्ठ घोषित हुए।

बेहतरीन फिल्मों को देखते हुए ज्यूरी ने तीन अन्य फिल्मों को सर्वश्रेष्ठ जूरी अवार्ड से सम्मानित किया।महाराष्ट्र के निर्देशक धवल कड़किया की फिल्म विंडो , मध्य प्रदेश के निर्देशक विपुल वाडेकर की फिल्म बॉम्ब और गुजरात के निर्देशक कौशिक गरासिया की फिल्म कलावा को ज्यूरी अवार्ड से सम्मानित किया गया।

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