हमीरपुर। डिप्लोमा की शर्त हटाकर आईटीआई से फोटोग्राफी का कोर्स करने वालों को सरकार कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में बिठाए। हिमाचल प्रदेश में आईटीआई के तहत फोटोग्राफी में एक वर्ष का प्रमाण पत्र हासिल करने वालों को जूनियर कैमरामैन की भर्ती से बाहर रखा जा रहा है।
यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि प्रदेश के सैकड़ों बेरोजगार नौजवान जो आईटीआई से फोटोग्राफी सर्टिफिकेट हासिल कर चुके हैं, का कहना है कि उन्हें हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाता है जबकि प्रदेश में सरकारी आईटीआई को छोड़कर कहीं भी डिप्लोमा कोर्स नहीं करवाया जाता है।
इसी के चलते पिछली बार भी हिमाचल से संबंध रखने वाले 200 से ज्यादा अभ्यर्थियों को परीक्षा से ही बाहर कर दिया गया था। जिस कारण से इस परीक्षा में एकमात्र अभ्यर्थी का ही चयन हो पाया था लेकिन जिन बेरोजगारों ने आईटीआई से फोटोग्राफी में एक साल का कैमरामैन का सर्टिफिकेट कोर्स किया हुआ था, उन्हें परीक्षा में न बिठाकर बाहर का रास्ता दिखाया गया था।
राणा ने कहा कि भुगतभोगी छात्रों ने उन्हें अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में आईटीआई के माध्यम से कैमरामैन के सर्टिफिकेट कोर्स ही करवाए जाते हैं, जो कि डिप्लोमा के समकक्ष हैं, लेकिन प्रदेश सरकार इसमें एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स की बजाय एक वर्षीय डिप्लोमा को तरजीह दे रही है।
उन्होंने कहा कि छात्रों का कहना है कि 2016 में जो जूनियर कैमरामैन की नियुक्तियां हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से हुई हैं, वह आईटीआई कैमरामैन के सर्टिफिकेट के आधार पर हुई हैं।
राणा ने कहा कि छात्रों की समस्या यह है कि हिमाचल प्रदेश में एक ही आईटीआई में फोटोग्राफी कोर्स करने का प्रावधान है। जबकि डिप्लोमा कोर्स हिमाचल प्रदेश में अन्य कहीं नहीं करवाया जाता है।