शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रदेश की बालिकाओं और महिलाओं को बधाई दी और राज्य के लोगों से सामूहिक रूप से समाज में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने लोगों से आह्वान किया कि हम अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर लड़कियों को एक ऐसा विश्व प्रदान करने का संकल्प लें, जो सुरक्षित, समरूप, प्रगतिशील और अवसरों से भरपूर हो।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बालिकाओं के कल्याण और विकास के लिए प्रतिबद्ध है और उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के अन्तर्गत लड़की के जन्म पर बीपीएल परिवारों को दी जाने वाली एकमुश्त सहायता राशि को 10,000 रूपए से बढ़ाकर 12,000 रूपए किया गया है।
मदर टैरेसा असहाय मातृ सम्बल योजना के अन्तर्गत दो बच्चों के पालन-पोषण के लिए प्रदान की जाने वाली सहायता राशि को 4000 रूपए से बढ़ाकर 6000 रूपए प्रति वर्ष प्रति बच्चा किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत निराश्रित लड़कियों की शादी के लिए सहायता अनुदान को 40000 रुपये से बढ़ाकर 51000 रुपये किया गया है, जिससे लगभग दस हजार लड़कियां लाभान्वित हुई हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में लड़कियों और किशोरियों को सशक्त बनाने और उनके खिलाफ अपराधों पर रोक लगाने के उद्देश्य से सक्षम गुड़िया बोर्ड का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 11 साल से 45 साल के मध्य की किशोरियों और महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने, उनका कौशल विकास करने और उन्हें आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने के उद्देश्य से राज्य में सशक्त महिला योजना लागू की गई है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण और संरक्षण हेतु नीतियों के सुझाव के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में महिला कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन किया गया है।
इसी प्रकार, मुख्यमंत्री बाल उद्धार योजना के अन्तर्गत दूसरी कक्षा से आठवी कक्षा में प्रथम दो स्थान प्राप्त करने वाले बाल एवं बालिका आश्रमों के बच्चों को वित्तीय वर्ष 2019-20 में 10000 रूपए की वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की गई है।