हमीरपुर। विपक्ष को अगर विरोधी की तरह न देखती सरकार तो आज देश के हालात इतने खराब न होते। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही है।
राणा ने कहा कि 12 फरवरी को जब लोकसभा सदन में राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी ने सरकार को कोरोना की सुनामी के खतरे से अवगत करवाते हुए तुरंत बचाव पर फोक्स करने की बात कही थी, तब विपक्ष को विरोधी की तरह मानने वाली केंद्र सरकार ने इसे हल्के में लेते हुए विपक्ष का मजाक उड़ाया था।
इसके बाद सरकार ने देश पर आने वाले खतरे को दरकिनार करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तिमारदारी व खातिरदारी को तरजीह देते हुए देश की ओर बढ़ते हुए खतरे को न केवल नजरअंदाज किया, बल्कि उसके तुरंत बाद मध्य प्रदेश की सरकार को गिराने व बनाने में व्यस्त रही।
इसी गैर जिम्मेदाराना रवैये का खामियाजा आज पूरा देश भुगत रहा है। लगातार बढ़ती हुई महामारी ने अब देश को आर्थिक संकट में ला धकेला है। जहां देश का आम नागरिक भूख, महामारी व मौत से लड़ रहा है। देश के करोड़ों युवा एक ओर महामारी और दूसरी ओर बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, उनका भविष्य अंधकारमय हो चुका है।
सरकार की गलत नीतियों के कारण अब उद्योगपति अपने काम धंधों को बंद करने लगे हैं। अंतरराष्ट्रीय साईकल दिवस पर हिंदोस्तान में चलने वाली दुनिया की सबसे बड़ी साईकल फैक्ट्री बंद हो चुकी है व अन्य उद्योग धंधे धीरे-धीरे बंद होने की कगार पर हैं।
राणा ने कहा कि अब्बल तो यह सरकार बेरोजगारी का सही आंकड़ा देश के सामने आने ही नहीं देती लेकिन अनाधिकारिक आंकड़ों की मानें तो महामारी के मौजूदा दौर में 10 करोड़ से ज्यादा युवा रोजगार छिन्न जाने के कारण सड़कों पर मारे-मारे फिर रहे हैं।
पढ़े लिखे बेरोजगार नौजवानों में बढ़ रहा तनाव उन्हें गर्त की ओर धकेल रहा है। संकट के इस दौर में बेरोजगारी पढ़े लिखे नागरिकों का मुकद्दर बनने लगी है। बहुत से ऑन गोइंग प्रोजेक्टस पर अब सरकार ने खुद रोक लगाकर रख दी है।
राणा ने कहा कि निरंतर बढ़ती हुई बेरोजगारी व आर्थिक बदहाली के कारण देश के गृह युद्ध जैसे घातक दौर की ओर बढऩे की आशंका निरंतर प्रबल हो रही है, लेकिन सरकार देश को आर्थिक संकट से निकालने व बेरोजगारों को हताशा व निराशा के दौर से निकालने के लिए अभी तक कोई सटीक खाका देश की जनता के सामने पेश नहीं कर पाई है।
बेहतर होगा कि सरकार अब आने वाली मुसीबतों को लेकर गंभीरता पूर्वक विचार करे व देश को भविष्य के संकटों से उबारने के लिए कोई कारगर योजना तैयार करे व विपक्ष के सुझावों को सार्थक व सकारात्मक तरीके से ले।