शिमला। जिला में गत वर्षों के मुकाबले लिंगानुपात तेजी से बढ़ा है। उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 20118-19 में जिला में लिंगानुपात 985 आंका गया था वहीं वर्ष 2019-20 में यह 999.7 हो गया है।
अमित कश्यप ने किशोरियों को एनीमिया मुक्त बनाने के आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए आईसीडीएस कर्मचारियों को 6 महीनों तक स्तनपान के महत्व बारे ग्रामीण महिलाओं को जागरूक करने का आह्वान किया । उन्होंने पोषाहार के लिए आईसीडीएस विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों के अनुश्रवण पर बल दियाए ताकि उपेक्षित एवं शोषित वर्ग को लाभ मिल सके।
बैठक के दौरान महामारी के दौरान आईसीडीएस की कुपोषण को हराने की विभिन्न गतिविधियों पर विस्तृत चर्चा की गई और सुझाव आमंत्रित किए गए।
इसके उपरांत उपायुक्त ने जिला की आईसीडीएस गतिविधियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की । इस अवसर पर उन्होंने बताया कि जिला में 2154 आंगनवाड़ी केंद्र कार्यरत है और 6 महीने से 6 साल तक के 39591 बालक. बालिकाओं को संपूर्ण पोषाहार का लाभ मिल रहा है।
उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला में आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा 8470 गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को पोषाहार उपलब्ध करवाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान प्रदेश सरकार की सर्व स्पर्शी नीतियों एवं कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा 3 से 6 साल तक के सभी नौनिहालों के लिए शाला पूर्व शिक्षा द्वारा 29791 बच्चों को लाभ मिल रहा है।
अमित कश्यप ने बताया कि वैश्विक कोरोना संकटकाल के बावजूद 5 वर्ष तक की आयु के 2409 बालक. बालिकाओं का वजन किया गया तथा पोषाहार बारे पूरी जानकारी प्राप्त की गई ताकि विभाग द्वारा कुपोषण का डेटाबेस तैयार किया जा सके।