हमीरपुर, 1 जुलाई, 2020। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करके सत्ता में आई बीजेपी एनआईटी हमीरपुर के कथित भर्ती घोटाले व निरंतर हो रहे कथित धांधलियों के खुलासे को लेकर चुप क्यों है। प्रदेश की जनता के लिए यह बड़ा सवाल बना हुआ है।
यह बात प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। अभिषेक ने कहा है कि ऐसे में जब रोज एनआईटी हमीरपुर के कथित घोटाले प्रकाश में आ रहे हैं।
एनआईटी के वर्तमान व रिटायर्ड प्रोफेसर छात्र व पूर्व छात्र निरंतर एनआईटी में चले गड़बड़झाले को लेकर आवाज उठा रहे हैं, तो ऐसे में जनता के चुने हुए प्रतिनिधि सांसद, विधायक, मंत्री व मुख्यमंत्री तक इस मामले पर रहस्यमयी चुप्पी साधे हुए है, जो कि इस कथित मामले के शक और संदेहों को और गहरा कर चुका है।
अभिषेक ने कहा कि एनआईटी हमीरपुर के बीओजी चेयरमैन प्रोफेसर चंद्रशेखर खुद एनआईटी में पारदर्शिता को लेकर सवाल उठा चुके हैं। कई लोगों ने एनआईटी में चले कथित भ्रष्टाचार की सीधे शिकायत एमएचआरडी मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल के साथ संबंधित अधिकारियों को की है, लेकिन सरकार की चुप्पी इस मामले पर इस कथित गड़बड़झाले के शक और संदेह को सबुतों में बदलती जा रही है।
अभिषेक ने कहा कि एनआईटी हमीरपुर से ही कई जिम्मेदार लोग बता चुके हैं कि इस सारे मामले की सूचना सांसद को भेजी गई है, लेकिन अपने ही गृह जिले हमीरपुर की एनआईटी के कथित भ्रष्टाचार व जनता की आवाज पर सांसद भी खामोश हैं और सरकार भी चुप है। शायद भ्रष्टाचार के मामले पर सांसद, विधायक व मंत्री जनता की आवाज उठाना ही नहीं चाहते हैं।