हमीरपुर। उपायुक्त हरिकेश मीणा ने पुलिस और अभियोजन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम से संबंधित लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाएं और इनकी रिपोर्ट सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को नियमित रूप से प्रेषित करें।
उपायुक्त ने कहा कि अधिनियम के तहत जिला के कुल 11 मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं, जबकि 15 मामलों में पुलिस जांच चल रही है। इनके अलावा 16 मामलों की कैंसलेशन रिपोर्ट विभिन्न न्यायालयों में प्रस्तुत की गई हैं और ये अभी विचाराधीन हैं।
उपायुक्त ने कहा कि अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में पीडि़तों के लिए मुआवजे का प्रावधान है। इसलिए मामलों की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी एफआईआर एवं चालान की प्रतियां सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को भी प्रेषित करें, ताकि पीडि़तों को समय पर मुआवजा मिल सके।
बैठक में नए मामलों की प्रगति पर भी विस्तार से चर्चा की गई। एक मामले में बार-बार एफआईआर दर्ज होने का संज्ञान लेते हुए उपायुक्त ने जिला स्तरीय समिति के गैर सरकारी सदस्यों से मौके पर जाकर वास्तविक स्थिति का पता लगाने का आग्रह किया, ताकि इस मामले का स्थायी समाधान सुनिश्चित हो सके।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में पुलिस त्वरित कार्रवाई करती है और जिला में इस समय 15 मामलों में पुलिस जांच चल रही है।
इनमें से कुछ मामलों में पीडि़तोंं को मुआवजा भी मिल चुका है, जबकि चार मामलों से अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम हटाने के लिए जिला स्तरीय समिति का मार्गदर्शन लिया जा रहा है।