हर मजदूर कामगार को मनरेगा के माध्यम से 200 दिन की दिहाड़ी दे सरकार : राणा

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हमीरपुर। राजनीतिक अनिच्छा से ही सही लेकिन अब जब कोविड-19 के संकट में फंसी सरकार कांग्रेस पार्टी द्वारा लागू किए गए मनरेगा के महत्व को समझ चुकी है, तो अब विपक्ष की सलाह को मानते हुए मनरेगा में जयराम सरकार 200 दिन की दिहाड़ी ग्रामीणों को दे।

यह बात हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि यह वक्त देश और प्रदेश पर छाये संकट का सामना करने का है, न कि मात्र विरोध के लिए विरोध की राजनीति करने का है।

उन्होंने कहा कि संकट का दौर कभी भी बीजेपी बनाम कांग्रेस नहीं हो सकता है। संकट का दौर मदद का दौर होता है और जनता की मदद के लिए कांग्रेस पक्ष में हो या विपक्ष में हमेशा तैयार रहती है।

उन्होंने कहा कि जनता की मदद के लिए मनरेगा बेहद शक्तिशाली व कारगर तंत्र साबित हो चुका है। इसलिए जयराम सरकार आपदा के इस काल में मनरेगा को प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की मदद के लिए इस भरपूर उपयोग करे, क्योंकि मौजूदा संकट में मजदूर, कामगार व किसान बेबसी में रोजगार छोड़कर घरों की तरफ लौट चुका है।

हताश-निराश हो चुके इस वर्ग के पास न रोजगार है, न ही निश्चित भविष्य? ऐसे अभूतपूर्व संकट में मनरेगा की जरूरत व मांग पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हुई है।

ऐसे में मेहनतकशों के विश्वास को सरकार पुन: स्थापित करने के लिए राहत योजनाओं को उनकी मांगों व जरूरतों के मुताबिक केंद्रित करे। उन्होंने कहा कि मनरेगा में 200 दिनों की दिहाड़ी देने से जहां कृषि उत्पादनों में सुधार होगा, वहीं पैसा सीधे तौर पर मजदूर, किसान के हाथों में पहुंचने से ग्रामीण क्षेत्रों का शुरुआती मूलभूत विकास भी विकसित होगा।

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