हमीरपुर। राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि एनआईटी हमीरपुर पर कथित भर्ती भ्रष्टाचार के गंभीर मसले पर अब सांसद और सरकार ने अपनी चुप्पी तोड़ी है।
लंबे अरसे तक इस मामले पर खामोश चल रहे सांसद अनुराग ठाकुर को लगातार बढ़ते आरोपों के दबाव के कारण आखिर सामने आना पड़ा है। राणा ने कहा कि अनुराग ठाकुर की स्टेटमेंट के मुताबिक केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को इस मामले पर जांच करवाने के लिए कहा गया है।
अब देखना यह है कि इस गंभीर भ्रष्टाचार के मामले की जांच कितनी पारदर्शिता व कितनी जल्दी होती है। राणा ने कहा कि एनआईटी हमीरपुर में मची धांधली व कथित लूट के कारण छात्रों के भविष्य का विकास बाधित हुआ है।
राणा ने सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि आखिर सरकार और सांसद की ऐसी कौन सी मजबूरी रही कि वह लगातार मिली सूचनाओं के बावजूद लंबे अरसे तक इस मामले पर रहस्यमयी चुप्पी साधे रहे।
राणा ने कहा कि एनआईटी में फैले कथित भ्रष्टाचार से जहां एक ओर भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले सरकार की कारगुजारी कटघरे में खड़ी हुई है, वहीं दूसरी ओर राष्ट्र स्तरीय संस्थान की शाख पर भी बट्टा लगा है।
राणा ने कहा कि एनआईटी हमीरपुर से आ रही सूचनाओं पर भरोसा करें तो 2018 के बाद एनआईटी में सिर्फ नेपोटिज्म के आधार पर की गई भर्तियों के सिवा शिक्षण कार्य के विकास के लिए कोई काम नहीं हुआ है।
उन्होंने मांग की है कि सांसद इस मामले की जांच सीबीआई के माध्यम से करवाए ताकि कथित भ्रष्टाचार का सच जनता के सामने आ सके। छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने के कथित आरोपों में इस मामले पर हर उस शख्स की जवाबदेही व जिम्मेदारी फिक्स की जाए जो कि मनमाने तौर-तरीकों से एनआईटी जैसे संस्थान को बेखौफ व्यक्तिगत एजेंडे पर चलाता हुआ खुद को सिस्टम से बड़ा मानता आया है।