विकराल हो चुकी बेरोजगारी की समस्या प्रदेश के लिए घातक : राणा

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हमीरपुर। कोविड-19 संकट में प्रदेश के जिन युवाओं की नौकरी छूट चुकी है, वह अब प्रदेश सरकार की घोर उपेक्षा का शिकार बने हुए हैं। कार्यालयों में कागजों व फाइलों में चिंता करने वाला सरकारी सिस्टम दावे तो बड़े-बड़े कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत पर इन बेरोजगार हुए युवाओं को कोई राहत नहीं मिल पा रही है।

महामारी व मंहगाई के चुंगुल में फंसा यह वर्ग हाल-बेहाल है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है।

उन्होंने कहा कि बेरोजगार हुए युवाओं के असल हालात यह हैं कि महामारी के खौफ से अब यह वर्ग रोजगार के लिए प्रदेश से बाहर जाना नहीं चाहता है और प्रदेश में उन्हें कोई काम नहीं मिल पा रहा है, जिस कारण से महामारी के दौर में बेरोजगार हुए यह युवा गहरे अवसाद और तनाव में हैं, जबकि सरकार 4 महीने बीत जाने के बाद भी इन युवाओं की कोई सुध नहीं ले पा रही है।

ऊपर से दिनोंदिन बढ़ रही मंहगाई के कारण इन बेरोजगार युवाओं के परिवारों को इनके मूलभूत अखराजातों को पूरा करना मुश्किल हो रहा है, लेकिन प्रदेश सरकार यह मान कर चल रही है कि लॉकडाउन के दौरान घरों में कैद लोगों को शायद अल्लादीन का चिराग मिल गया है और जिस कारण से सरकार इन पर मंहगाई का बोझ निरंतर लादने में लगी है।

दुर्भाग्य यह है कि सरकार मुद्दे की कोई भी बात सुनने और समझने को राजी नहीं है। ताजा घटनाक्रम में अब रही-सही कसर बस किराया बढ़ाकर पूरी कर दी है। जबकि बढ़े हुए किराए को लेकर लोग सड़कों पर हैं।

सरकार इन युवाओं की समस्या से बेखबर बनी हुई है। हर छोटी-मोटी घटना को इवेंट बनाने की आदी बीजेपी कभी वर्चूअल रैलियों, तो कभी बधाईयां देकर समय काट रही है। राणा ने कहा कि अब नए बधाई सैशन में बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि उनका नया अध्यक्ष बनने से पार्टी नई ऊंचाईयों पर पहुंचेगी।

बीजेपी के लोगों का यह वक्तव्य अपने स्तर पर सही हो सकता है, लेकिन जिन लोगों ने प्रचंड बहुमत देकर सरकार से विकास की आस की थी, वह लोग कोरोना दौर में हाल-बेहाल हैं। राणा ने कहा कि सरकार यह न भूले कि प्रदेश में बेरोजगार हुए युवाओं के सब्र का बांध जैसे ही टूटेगा सरकार ढूंढे नहीं मिलेगी।

हर स्तर और हर मोर्चे पर जनता को जुमलों व शगुफों से ठगने वाली सरकार की हकीकत प्रदेश की जनता समझ चुकी है और बेसब्री से अगले चुनाव का इंतजार कर रही है। राणा ने कहा कि बेरोजगार हुए युवा कोई पार्टी विशेष से संबंधित नहीं हैं।

कमोवेश पूरे प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी की मार पड़ी है, लेकिन इस मामले पर आवाज उठाने पर सरकार को यह लगता है कि जैसे कांग्रेस के ही लोग बेरोजगार हुए हों, जबकि आम आदमी अब बीजेपी के भाषणों, वायदों और दिलासों भरे तेवरों पर कोई भरोसा नहीं कर पा रहा है।

बेरोजगार समझ चुके हैं कि बीजेपी वही पार्टी है जो हर वर्ष 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वायदा करके सरकार में सत्तासीन हुई है, जबकि सत्ता में आते ही सरकार उस वायदे को भूल चुकी है और बेरोजगारी की विकराल होती जा रही समस्या समाज में आक्रोश और तनाव फैला रही है।

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