छात्र अभिभावक मंच 5 नवम्बर को शिक्षा निदेशालय का करेगा घेराव, जानिए क्यों

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शिमला। छात्र अभिभावक मंच हिमाचल प्रदेश

सरकार निजी स्कूलों व संस्थानों को पूरी फीस लेने के लिए अधिकृत करने के निर्णय के खिलाफ 5 नवम्बर को शिक्षा निदेशालय शिमला पर जोरदार घेराव करेगा। मंच ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस निर्णय को तुरन्त वापिस लिया जाए व निजी स्कूलों द्वारा छात्रों व अभिभावकों की पूर्ण फीस वसूली में की जा रही मानसिक प्रताड़ना पर रोक लगाई जाए।

मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा,सह संयोजक बिंदु जोशी, सदस्य विवेक कश्यप, फालमा चौहान, जय चन्द, राकेश रॉकी,राजेन्द्र कुमार व शैलेन्द्र कुमार ने निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छः लाख छात्रों के दस लाख अभिभावकों सहित कुल सोलह लाख लोगों से निजी स्कूलों की पूर्ण फीस उगाही का पूर्ण बहिष्कार करने की अपील की है।

उन्होंने पूर्ण फीस वसूली पर कैबिनेट के निर्णय को बेहद चौंकाने वाला, छात्र व अभिभावक विरोधी निर्णय बताया है। इस निर्णय के आने के बाद निजी स्कूलों ने छात्रों व अभिभावकों को मानसिक तौर पर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया है।

निजी स्कूलों व संस्थानों ने दोबारा से छात्रों व अभिभावकों को पूर्ण फीस जमा करने के लिए मोबाइल मैसेज भेजना शुरू कर दिए हैं। इन मैसेज में उन्हें डराया धमकाया जा रहा है कि अगर पूर्ण फीस जमा न की गई तो छात्रों को न केवल संस्थानों से बाहर कर दिया जाएगा अपितु उन्हें परीक्षाओं में भी नहीं बैठने दिया जाएगा।

विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि प्रदेश सरकार की निजी स्कूलों के साथ मिलीभगत का पर्दाफाश हो चुका है। इस मिलीभगत के कारण ही सरकार ने मई महीने में जान बूझकर अधिसूचना में अस्पष्टता दिखाई ताकि वक्त आने पर निजी स्कूलों को इसकी आड़ में लूट की खुली इज़ाज़त दी जा सके।

टयूशन फीस के अलावा बाकी अन्य चार्जेज़ सहित फीस माफी को अधिसूचना में जान बूझ कर नहीं दर्शाया गया।

सरकार की छात्र व अभिभावक विरोधी मंशा तथा उसकी निजी स्कूलों के साथ मिलीभगत को छात्र अभिभावक मंच ने बखूबी भांप लिया था व कैबिनेट के निर्णय के तीन दिन के भीतर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक को पत्र लिख कर इस पर कड़ा ऐतराज़ ज़ाहिर किया था।

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